कोलकाता, 07 मई ।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पश्चिम बंगाल में नकली पासपोर्ट रैकेट मामले में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी नागरिक आज़ाद मलिक ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में अवैध रूप से मतदान किया था। इस चौंकाने वाले खुलासे ने सुरक्षा और चुनावी प्रक्रियाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, ईडी की जांच में सामने आया है कि आज़ाद मलिक दमदम-उत्तर विधानसभा क्षेत्र का पंजीकृत मतदाता था, जो उत्तर 24 परगना ज़िले में आता है और दमदम लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। ईडी की पूछताछ के दौरान मलिक ने खुद दोनों चुनावों में मतदान करने की बात स्वीकार की है।

आज़ाद मलिक को अप्रैल की शुरुआत में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के समय जब्त दस्तावेज़ों के अनुसार, वह पहले बांग्लादेशी नागरिक के रूप में भारत में रह रहा था। उसने फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट समेत अन्य पहचान पत्र प्राप्त किए थे।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि मलिक, जो ‘मलिक ट्रेडिंग कॉरपोरेशन’ का मालिक है, कोलकाता स्थित अपने आवास से हवाला नेटवर्क भी चला रहा था। साथ ही, वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी भारतीय पासपोर्ट उपलब्ध कराने वाले गिरोह से भी जुड़ा हुआ था।

29 अप्रैल को ईडी के वकील ने कोलकाता की एक विशेष अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान यह सामने आया है कि मलिक मूल रूप से पाकिस्तान का निवासी है। उसने पहले बांग्लादेश की नागरिकता अवैध तरीकों से प्राप्त की, और फिर भारत के फर्जी दस्तावेज़ बनवाए।

मलिक का असली पाकिस्तानी नाम ‘आज़ाद हुसैन’ था, जिसे उसने बांग्लादेशी दस्तावेज़ों में ‘अहमद हुसैन आज़ाद’ कर लिया और भारतीय पासपोर्ट में उसका नाम ‘आज़ाद मलिक’ दर्शाया गया।

गिरफ्तारी के समय जांच अधिकारियों ने उसके पास से दो फर्जी मतदाता पहचान पत्र, कई ड्राइविंग लाइसेंस, चार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 2.62 करोड़ रुपए जमा वाली एक बैंक खाता जब्त किया। अब ईडी इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इस धन का उपयोग भारत में किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधि में तो नहीं हुआ।