रांची, 11 जून । चतरा जिले के टंडवा स्थित मगध और आम्रपाली कोल परियोजना से जुड़े टेरर फंडिंग मामले में आरोपित तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी ) के रीजनल कमांडर आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू की जमानत याचिका पर अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी  की विशेष अदालत में 21 जून को सुनवाई होगी। बुधवार को एनआईए अदालत ने मामले की सुनवाई की और जांच एजेंसी से 21 जून से पहले जवाब दाखिल करने के लिए कहा। आरोपित ने 9 जून को याचिका दाखिल कर कोर्ट से जमानत की गुहार लगायी है।

उल्लेखनीय है कि टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में रांची की एनआईए की विशेष अदालत में ट्रायल चल रहा है। एनआईए ने टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 2/2016 को फरवरी 2018 को टेकओवर किया था। अनुसंधान के बाद एनआईए ने मामले में 17 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच एजेंसी ने जांच के दौरान यह पाया है कि सेंट्रल कोल फिल्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), पुलिस, उग्रवादी व शांति समिति के बीच समन्वय से टेरर फंडिंग हो रही थी। तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) को फंड देने की पुष्टि हुई है। टीपीसी को लेवी देने के लिए ही उसने ऊंची दर पर मगध और आम्रपाली प्रोजेक्ट से कोयला ढुलाई का ठेका लिया था।

टेरर फंडिंग मामले के आरोपितों में टीपीसी के रीजनल कमांडर आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू उर्फ नेताजी, आधुनिक पावर के तत्कालीन महाप्रबंधक महेश अग्रवाल, बीकेबी ट्रांसपोर्ट के उपाध्यक्ष विनीत अग्रवाल, सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल, कारोबारी सुदेश केडिया, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, अजय सिंह, मास्टरमाइंड सुभान खान, क्षेत्रीय कमांडर ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल सिंह भोक्ता, बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू, भीखन गंझू उर्फ दीपक गंझू, प्रदीप राम, विनोद गंझू, मुनेश गंझू, बीरबल गंझू, मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू, कोहराम एवं अनिश्चय गंझू शामिल हैं।