कोलकाता, 15 जून । पश्चिम बंगाल में नये विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राज्य सरकार और राजभवन में तनातनी हो गई हैं। हाल ही में दो विधानसभा सीटों – मुर्शिदाबाद जिले की भगवानगोला और उत्तर 24 परगना जिले में बारानगर सीट पर हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे थे।

सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के निर्वाचित विधायक रैयत हुसैन सरकार और सयंतिका बनर्जी को निर्वाचित हुए 11 दिन बीत गये हैं, लेकिन उनका शपथ ग्रहण राज्य सचिवालय और राजभवन के बीच तनातनी की वजह से नहीं हो पा रहा है।

आधिकारिक प्रोटोकॉल के अनुसार, नव निर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के लिए राज्य के संसदीय कार्य विभाग से राजभवन में राज्यपाल कार्यालय को संदेश भेजा जाता है।

 

सूत्रों का कहना है कि विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन को संदेश तो मिल गया है, लेकिन यह संसदीय कार्य विभाग के मंत्री की बजाय पश्चिम बंगाल विधानसभा के सचिव की ओर से भेजा गया है।

सूत्रों ने बताया कि राजभवन ने अब तक उस संदेश का कोई जवाब नहीं दिया है जिससे दोनों विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

संयोग से, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने की मांग की। इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि राजभवन के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों ने गुरुवार शाम उन्हें और उनके साथ आये चुनाव बाद हिंसा के कुछ पीड़ितों को अंदर जाने से रोक दिया था।

राज्यपाल ने अपने बयान में कहा था कि वह पुलिस विभाग के प्रभारी मंत्री ( गृह मंत्री सह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक पीड़ितों को उनसे मिलने नहीं दिया जाता। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास गृह मंत्रालय भी है और पुलिस विभाग उन्हीं के अंदर आता है।