दार्जिलिंग, 30 सितंबर । दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में चाय श्रमिकों की 12 घंटे की हड़ताल ने सोमवार को बड़ा असर डाला। हड़ताल के कारण दार्जिलिंग पूरी तरह से ठप रहा, जबकि कालिम्पोंग में स्थिति कुछ सामान्य रही। कई जगहों पर चाय श्रमिकों ने सड़कों पर अवरोध किया, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों और मैदान के बीच संचार ठप हो गया। इस बीच, नवान्न ने बोनस समस्या को सुलझाने के लिए पहल की है और श्रम विभाग को आदेश दिया है कि वह चाय श्रमिकों और मालिकों के बीच बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकाले।
चाय श्रमिकों और मालिकों के बीच बोनस को लेकर विवाद जारी है। श्रमिकों की मांग है कि उन्हें 20 प्रतिशत बोनस दिया जाए, जबकि मालिक पक्ष 13 प्रतिशत पर अड़ा हुआ है। इस मुद्दे को लेकर कई बार बातचीत हुई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। श्रमिक संगठनों ने अपनी मांगों के समर्थन में 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया, जिससे कुछ स्थानों पर हिंसा और अवरोध की घटनाएं भी सामने आईं। रोहिणी और कर्सियांग में श्रमिकों ने सड़कों पर अवरोध कर दिया और वाहनों की आवाजाही रोक दी। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया।
पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन का चरम समय होने के कारण हड़ताल से पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए, नवान्न ने श्रम विभाग को तुरंत हस्तक्षेप करने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने का आदेश दिया है। मुख्य सचिव ने श्रम विभाग के अधिकारियों से बातचीत की है और जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि चाय श्रमिकों को उनके काम पर लौटाया जा सके और पर्यटकों की समस्याओं का अंत हो सके।