नई दिल्ली, 10 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के बीच बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इसमें द्विपक्षीय साझेदारी के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि वार्ता के दौरान व्यापार और निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, एआई, स्टार्ट-अप, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, सांस्कृतिक सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंध से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई।
इससे पहले द्विपक्षीय संबंधों में नया इतिहास रखते हुए प्रधानमंत्री का आस्ट्रिया के चांसलर ने गर्मजोशी से स्वागत किया। संघीय चासंलर परिसर में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की यह ऐतिहासिक यात्रा 4 दशकों के बाद हो रही है।
इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा पत्रकारवार्ता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतराष्ट्रीय स्थाओं में रिफॉर्म पर सहमत हैं ताकि उन्हें समकालीन और प्रभावी बनाया जा सके। दोनों देश आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं और इस बात पर सहमत हैं कि इसे किसी भी रूप में स्वीकार्य और न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने विश्व में चल हे विवादों जैसे यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर विस्तार से बात की। वे पहले भी कह चुके हैं कि यह युद्ध का समय नहीं है।
साथ ही इस दौरान जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा हुई। जलवायु विषय में भारत आस्ट्रिया को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी नियादी ढांचे के लिए टकराव और जैव-ईंधन गठबंधन जैसी पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। सहमति के बिन्दुओं पर जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देश आपसी सहयोग को और मज़बूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। साथ ही संबंधों को स्ट्रैटेजिक दिशा प्रदान की जाएगी। आस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही। ऐसे में निर्यातोन्मुखी अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रिया के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि वे नए आर्थिक सहयोग तलाशें । आज उनके देश के भारत के साथ पहले से बेहतर आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं। जो आपसी विश्वास और भरोसे को दर्शाते हैं। वर्तमान में दोनों देशों का व्यापार 2.7 अरब यूरो है। 150 से अधिक ऑस्ट्रियाई व्यवसाय भारत में काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह संख्या बढ़ेगी। ऑस्ट्रिया में भारतीय निवेश भी होगा।