नई दिल्ली, 10 अप्रैल । मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के गुरुवार देर शाम भारतीय सरजमीं पर उतरते ही उस पर कानूनी शिंकजा कस दिया गया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उसे पालम एयरपोर्ट से सीधे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पेशी के दौरान एनआईए ने राणा की 20 दिन की कस्टडी की मांग की है। मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट कस्टडी पर थोड़ी देर में फैसला सुनाएगा।

इससे पहले, गुरुवार देर शाम एनआईए की टीम आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को लेकर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरी। जहां से भारी सुरक्षा के बीच आधी रात में एनआईए की टीम उसे पटियाला हाउस कोर्ट ले आई। राणा को स्पेशल एनआईए जज चंद्रजीत सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान अदालत में तहव्वुर राणा, लीगल सर्विस अथॉरिटी की ओर से मुहैया कराए गए उसके वकील और एनआईए की लीगल टीम के अलावा जज एवं उनके स्टाफ मौजूद रहे। एनआईए की तरफ से वकील दयानन कृष्णनन ने कोर्ट में दलील रखी।

बंद कमरे में चली अदालत की कार्यवाही के दौरान एनआईए ने 20 दिन के रिमांड की मांग की। एनआईए ने कहा कि पूछताछ के लिए तहव्वुर की रिमांड जरूरी है। एनआईए ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपित तहव्वुर राणा की पुलिस हिरासत को सही ठहराने के लिए उसके द्वारा भेजे गए ईमेल समेत कई पुख्ता सबूत पेश किए। एजेंसी ने अदालत को बताया कि भयावह साजिश का पर्दाफाश करने के लिए हिरासत में पूछताछ बहुत जरूरी है। जांचकर्ता घातक आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की भी जांच करेंगे।

एनआईए ने आगे बताया कि आपराधिक साजिश के तहत आरोपित नंबर एक डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले तहव्वुर राणा के साथ पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की थी। संभावित चुनौतियों का अनुमान लगाते हुए हेडली ने राणा को अपने सामान और संपत्तियों का ब्यौरा देते हुए एक ईमेल भेजा। उसने राणा को साजिश में इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया था। तहव्वुर राणा की कस्टडी पर सुनवाई पूरी हो चुकी है।।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। आठ हमले दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज महल पैलेस और टॉवर होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस (यहूदी केंद्र), मेट्रो सिनेमा, और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पास हुए। इसके अलावा, मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र मझगांव में और विले पार्ले में एक टैक्सी में विस्फोट हुआ। आतंक ने मुंबई को दो दिनों तक जकड़ रखा था और 28 नवंबर को भारतीय सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया। जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा हुई।