नई दिल्ली, 26 जून । आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के 9वें संस्करण तहत शहर में जमा होने वाले कूड़ा-कचरा के प्रबंधन को लेकर टेलीफोन के माध्यम से फीड बैक लेगा। इसके बाद व्यापक सर्वेक्षण के कूड़ा जमा होने वाले चिन्हित स्थानों का सर्वेक्षण होगा।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक फीड बैक लेने की प्रक्रिया जुलाई के पहले से सप्ताह शुरू होगी। व्यापक सर्वेक्षण का काम सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगा। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने आज बुधवार 26 जून को यह जानकारी साझा की है।
मंत्रालय के मुताबिक देश के शहरों में प्रतिदिन 150,000 टन कचरा उत्पन्न करता है। बढ़ते शहरीकरण और जीवनशैली में बदलाव के कारण नगर निगम के ठोस कचरे में काफी वृद्धि हो रही है। ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि शहर में लगभग 30 से 40 प्रतिशत कचरा हाउसिंग सोसाइटी, स्कूल, कॉलेज, संगठन, इवेंट लोकेशन, होटल, रेस्टोरेंट द्वारा उत्पन्न होता है।
मंत्रालय के मुताबिक सर्वेक्षण का उद्देश्य प्रतिदिन सौ किलोग्राम कचरा उत्त्पन्न करने वाले संस्थानों के समीप कंपोस्टिंग इकाइयां स्थापित करके खाद और बायोगैस का उत्पादन करने के लिए जैव-निम्नीकरणीय कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जिसका लक्ष्य शहरों को कचरा-मुक्त बनाया जा सके।
मंत्रालय के मुताबिक शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) छोटे स्थानीय निकाय हैं जो निर्दिष्ट जनसंख्या वाले शहर या कस्बे का प्रशासन या शासन करते हैं। इनके अधिकार क्षेत्र के भीतर हाउसिंग सोसाइटी, स्कूल, कॉलेज, संगठन, इवेंट लोकेशन, होटल, रेस्टोरेंट द्वारा उत्पन्न कचरे का संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण और अंतिम निपटान करना है।