
वाशिंगटन, 18 मई । अमेरिका के व्हाइट हाउस में एक ऐसे व्यक्ति की तैनाती हो गई है, जो कि लश्कर का संदिग्ध आतंकवादी रहा है। व्हाइट हाउस की एडवाइजरी बोर्ड आफ ले लीडर्स में इस संदिग्ध इस्लामिक आतंकवादी को शामिल किया गया है। इन नियुक्तियों ने जहां भारत के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय जगत में चिंता पैदा कर दी है, वहीं दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लारा लूमर भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रम्प के प्रशासन से खासे खफा हैं।
दरअसल अमेरिका प्रशासन ने बीते व्हाइट हाउस की एडवाइजरी बोर्ड आफ ले लीडर्स का गठन किया। इसमें इस्माइल रायर और मुस्लिम स्कालर शेख हमजा यूसूफ को भी नामित किया गया। कथित तौर पर इस्माइल रायर के इस्लामी जिहादियों से संबंध रहे हैं। दावा है कि इस्माइल रायर पहले रेंडेल रायर के नाम से जाना जाता था। कथित तौर पर इसके संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से रहे हैं। आरोप है कि रायर ने वर्ष 2000 में पाकिस्तान में हुए लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर में भाग लिया था और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। दूसरे नामित सदस्य शेख हमजा यूसूफ मुस्लिम स्कालर होने के साथ ही जायतूना कालेज के सह संस्थापक हैं। उन पर भी कथित तौर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों से संबंध रखने के आरोप हैं।
दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लारा लूमर ने इस्माइल रायर की तैनाती पर खासी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने इसे अमेरिकी प्रशासन का एक आत्मघाती कदम बताते हुे कहा इस्माइल रायर लश्कर ए तैयबा के आतंकी कैंप में ट्रेनिग ले चुका है। उसने कश्मीर में भारतीय ठिकानों पर फायरिंग जैसी गतिविधियों में भी हिस्सा लिया। अमेरिका की अदालत ने भी 2004 में रायर को आतंकवादी गतिविधियों के लिए दोषी पाते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी। इसमें उसने 13 साल जेल में बिताए हैं। रायर ने वर्ष 2003 में मिडिल ईस्ट फोरम के साथ एक इंटरव्यू में कबूल किया था कि मुझे लश्कर के लोग पसंद आए। यह एक चरमपंथी समूह नहीं हैं।