चुराचांदपुर (मणिपुर), 22 मार्च । सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय न्यायाधीश दल ने शनिवार को चुराचांदपुर जिले में राहत शिविरों का दौरा कर हिंसा प्रभावित विस्थापित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि मणिपुर में जल्द शांति बहाल होगी।

आज सुबह सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों का दल हिंसा प्रभावित मणिपुर पहुंचा। इस दल में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एमएम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह शामिल हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह को छोड़कर बाकी चार न्यायाधीशों ने चुराचांदपुर जिले में सद्भावना मंडप राहत केंद्र का दौरा किया और वहां विस्थापित परिवारों से बातचीत की।

न्यायाधीशों ने हिंसा पीड़ितों की व्यथा सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि बहुत जल्द मणिपुर में शांति लौटेगी, आप अपने घरों को वापस जा सकेंगे। हमें आपकी कठिनाइयों का एहसास है, लेकिन सभी के सहयोग से यह मुश्किल समय जल्द समाप्त होगा।

न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि संविधान पर विश्वास बनाए रखें। हमारा संविधान यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में पूरी तरह से शांति बहाल हो। हम इस संकट से उबरेंगे।

इसके साथ ही न्यायाधीशों ने चुराचांदपुर जिले के लामका स्थित मिनी सचिवालय से वर्चुअली एक कानूनी सेवा शिविर, एक चिकित्सा शिविर और एक विधिक सहायता शिविर का उद्घाटन भी किया।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, ‘ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन’ (एमबीए) की चुराचांदपुर जिला इकाई की आपत्ति के कारण न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह, जो कि मैतेई समुदाय से हैं, कूकी-जो बहुल चुराचांदपुर जिले का दौरा नहीं कर सके। वे विष्णुपुर जिले में जाएंगे। वहीं, ‘ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन’ ने अपनी चुराचांदपुर जिला इकाई को निर्देश दिया है कि वह न्यायमूर्ति कोटिश्वर सिंह के जिले में जाने पर आपत्ति वापस ले।