काठमांडू, 19 मार्च । पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह की सक्रियता बढ़ने के विरोध में विपक्षी दलों की तरफ से काठमांडू में 28 मार्च को शक्ति प्रदर्शन करने की घोषणा के बाद अब राजतंत्र समर्थकों ने भी उसी दिन रैली करने का फैसला किया है। दोनों पक्षों के एक ही दिन होने वाले प्रदर्शन के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने कई स्थानों पर निषेधाज्ञा लगा दी है।

पिछले दिनों पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के समर्थन में बड़ी संख्या में लोगों के सड़क पर उतरने के बाद मुख्य विपक्षी दल सीपीएन (एमसी) के नेतृत्व में विपक्षी मोर्चा ने राजा के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करने का फैसला किया है। सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष पुष्पकमल दहाल ‘प्रचंड’ ने राजतंत्र समर्थकों के खिलाफ काठमांडू की सड़कों पर एक लाख लोगों को उतारने की घोषणा की थी। राजतंत्र के पक्ष में अभियान चला रहे दुर्गा प्रसाई ने अपने समर्थकों और अन्य राजतंत्र समर्थकों से सीपीएन (एमसी) के प्रदर्शन को विफल करने की अपील की है।

काठमांडू जिला प्रशासन ने मंगलवार को सुरक्षा समिति की बैठक बुलाकर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने का फैसला किया है। जिला प्रशासन ने किसी भी संभावित भिड़ंत को रोकने के लिए एक ही स्थान पर दोनों पक्षों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का भी फैसला किया है।

काठमांडू के प्रमुख जिलाधिकारी ऋषिराम तिवारी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आज तत्काल प्रभाव से काठमांडू के एक दर्जन से अधिक संवेदनशील स्थानों पर निषेधाज्ञा लागू करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि राजधानी स्थित राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री निवास, मुख्य प्रशासनिक भवन सिंहदरबार, सर्वोच्च अदालत, नारायणहिती राजदरबार, सेना मुख्यालय, संसद भवन, हवाईअड्डा के आसपास के क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगा दी गयी है।

जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों पक्षों को बुलाकर अपने-अपने प्रदर्शन का स्थान परिवर्तन करने के लिए भी कहा जाएगा। इसके अलावा उस दिन सुरक्षा के लिए नेपाल पुलिस, सशस्त्र प्रहरी बल, दंगा नियंत्रण प्रहरी बल की तैनाती की जाएगी और नेपाली सेना को हाई अलर्ट पर रखने का फैसला किया गया है।