नई दिल्ली, 07 मई । स्वैच्छिक संगठन ‘समिट इंडिया’ ने युद्ध की स्थिति में देशवासियों को आनी वाली दिक्कत के मद्देनजर जन जागरण का महाअभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत लोगों को सरकार के परामर्श, एहतियात और सावधानी से अवगत कराया जाएगा। साथ ही अन्य स्वैच्छिक संगठनों के साथ मिलकर सहायता और सुविधा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा है। इसके लिए देश के हजारों कार्यकर्ताओं के समूह बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला समिट इंडिया के चेयरमैन एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू की अध्यक्षता में लिया गया। यह जानकारी ‘समिट इंडिया’ के महासचिव महेश वर्मा ने दी।

उन्होंने कहा कि चेयरमैन का संकल्प है कि युद्ध की स्थिति में गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंद लोगों को किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करने दिया जाएगा। उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। संगठन देशभर में एआईसीटीई और कैप्सी जैसे सहयोगी संगठनों के माध्यम से लगभग 10 हजार सहायता शिविर और सुविधा केंद्रों का निर्माण करेगा। एआईसीटीई के 26 हजार शिक्षण संस्थानों की सहायता ली जाएगी। कैप्सी देश में डेढ़ करोड़ से ज़्यादा सुरक्षा गार्ड्स का बड़ा मंच है। इसके लगभग 30 हजार सदस्य हैं। इनकी मदद से रक्त की कमी नहीं होने दी जाएगी।

वर्मा ने पूर्व में हुए युद्ध को लेकर देशवासियो के सहयोग को याद दिलाते हुए बताया कि देश ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आह्वान पर एक वक्त का खाना का त्याग दिया था ताकि खाद्य संकट से निजात मिले। देश की माताओं और बहनों ने अपने आभूषण देने शुरू किए थे। आज देश आर्थिक रूप से संबल है। जापान से आगे निकलकर विश्व की चौथी आर्थिक महाशक्ति बन चुका है।

उन्होंने कहा कि लगभग 15,000 से अधिक स्वैच्छिक संगठनों और एवं कारोबारी प्रतिष्ठान के एसोसिएशन के साथ बातचीत की गई है। सबने आश्वासन दिया है कि ऐसे केंद्रों के निर्माण में सहयोग करेंगे। संगठन प्रमुख श्याम जाजू ने इस बावत खर्च की जाने वाली धनराशि का आवंटन भी किया है। यह धनराशि संस्था को दान स्वरूप प्राप्त होती है। जाजू ने देशवासियो से अपील की है वह दरिदंगी और नफरत को उखाड़ फेकने का संकल्प लेकर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का इकबाल बुलंद रखने का प्रण लें।