
रांची, 15 जून । झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा सुप्रीमो सह डुमरी विधायक जयराम महतो ने डुमरी प्रखंड अंतर्गत बलथरिया के पंचायत सेवक सुखलाल महतो के भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ने के बाद रिम्स में हुए निधन पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाला एक और सपूत मृत्यु से जंग हार गया। इससे ज्यादा दुखद और शर्मनाक क्या हो होगा। ईश्वर ऐसे नेक और पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।
लेकिन सुखलाल महतो की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ उठी आवाज को जिसने भी दबाने का प्रयास किया था। इसमें जो भी दोषी है। उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज हो। दोषीदारों पर कड़ी और दंडात्मक कार्यवाही होनी चाहिए। आरोपितों की अविलंब गिरफ्तारी हो। उन्हें सरकार नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
विधायक ने राज्य सरकार से परिजनों को सरकारी सेवक के रूप में मिलने वाली सुविधाओं के अलावा मुआवजा के तौर पर 50 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करने की भी मांग की है।
भ्रष्टाचार रूपी डायन ने ईमानदार सुखलाल महतो को निगल लिया : देवेंद्रनाथ महतो
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने सुखलाल के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि मन काफी व्यथित है। हृदय मौन है, आंख नम है, डायन रूपी भ्रष्टाचार ईमानदार सुखलाल महतो को निगल लिया।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के शिकार हुए सुखलाल महतो अपना जीवन कुर्बान कर दिया। लेकिन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं हुए। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आपको सदा याद रखा जाएगा। उन्होंने सरकार से दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ मृतक के परिजन को सरकारी मुआवजा देने की भी मांग की है। वह रिम्स में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने सुखलाल महतो के परिजनों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया।
गिरिडीह के डुमरी में पंचायत सेवक सुखलाल महतो ने बीडीओ सहित चार लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कीटनाशक खाकर खुदकुशी कर ली। सुखलाल महतो ने शुक्रवार को डुमरी प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में कीटनाशक का सेवन कर लिया था। उन्हें गंभीर हालत में रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार देर रात उनकी मौत हो गई।
खुदकुशी से पहले सुखलाल महतो ने सोशल मीडिया पर डुमरी विधायक जयराम महतो के नाम एक पत्र पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने अपनी आत्महत्या के लिए चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। सुखलाल महतो ने अपने सुसाइड नोट में जिन लोगों पर मानसिक उत्पीड़न और अपमान का आरोप लगाया था, उन सभी पर सार्वजनिक रुप से अपमानिक करने का आरोप है।