
पूर्वी सिंहभूम, 8 जून । शहर में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। रविवार को जमशेदपुर क्वीयर सर्कल (जेक्यूसी) के तत्वावधान में बुले वार्ड होटल में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें समुदाय के सदस्य, कानूनी विशेषज्ञ और युवा नेता शामिल थे। यह कार्यक्रम सी 19 आरएम केपी ग्रांट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्लान इंडिया और द हमसफर टस्ट के सहयोग से किया गया था।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पा और ऋषिका ने स्वागत भाषण से की। विशेष अतिथि के रूप में कुनाल सारंगी, केंद्रीय प्रवक्ता, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि समानता, गरिमा और न्याय हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है और ट्रांसजेंडर समुदाय को भी यह अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने ऐसे प्रयासों को समाज में बदलाव लाने के लिए आवश्यक बताया।
मुख्य वक्ता के रूप में सौविक साहा, संस्थापक, जेक्यूसी, ने भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बदलते कानूनी परिदृश्य पर प्रकाश डाला। डॉन हंसर और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) के प्रतिनिधि ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के बारे में विस्तृत जानकारी दी। ऋषिका, जेक्यूसी की सदस्य, ने नालसा बनाम भारत सरकार और धारा 377 जैसे ऐतिहासिक निर्णयों पर चर्चा की।
प्रतिभागियों ने एक समूह गतिविधि में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपने जीवन की कानूनी चुनौतियों और अनुभवों को साझा किया तथा समाधान पर विचार-विमर्श किया। कार्यशाला का समापन “वे फॉरवर्ड” सत्र, अनुभव-साझा और फीडबैक फॉर्म भरवाने के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों के लिए सामूहिक भोजन और समूह फोटो के साथ यह प्रेरणादायक दिन संपन्न हुआ। यह कार्यशाला ट्रांसजेंडर समुदाय को कानूनी सशक्तिकरण, आत्म-विश्वास और समावेशी न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।