कोलकाता, 07 सितंबर । आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को राज्य मेडिकल काउंसिल की ओर से शुक्रवार को शो-कॉज नोटिस भेजा गया है। संदीप घोष को तीन दिनों के भीतर कारण बताना होगा कि उनके खिलाफ क्याें कार्रवाई न की जाए। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनका मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द भी किया जा सकता है।
मेडिकल काउंसिल ने शनिवार को तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया, जिनमें बर्दवान मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर विरूपाक्ष विश्वास और पूर्व आरएमओ अभीक दे भी शामिल हैं। इन्हें फिलहाल काउंसिल की किसी भी मीटिंग में शामिल होने से रोका गया है। इनके साथ ही मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर मुस्तफिजुर रहमान मलिक को भी सस्पेंड किया गया है।
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संदिग्ध गतिविधियों के कारण उठाए गए कदम
डॉक्टर विरूपाक्ष विश्वास मेडिकल काउंसिल की पिनाल और एथिक्स कमेटी के महत्वपूर्ण पदों पर थे और मुस्तफिजुर भी इसी कमेटी के सदस्य थे। इस बीच, संदीप घोष को भेजे गए शो-कॉज नोटिस में कहा गया है कि आरजी कर कॉलेज में हुए वित्तीय अनियमितता के मामले में वह सीबीआई की हिरासत में हैं और उन्हें तीन दिनों के भीतर इस पर जवाब देना होगा।
सूत्रों के अनुसार, मेडिकल काउंसिल के चेयरमैन सुदीप्त राय पर अन्य डॉक्टरों द्वारा कार्रवाई का दबाव बनाया जा रहा था। सुदीप्त राय की स्थिति को लेकर भी सवाल उठ रहे थे। अंततः काउंसिल ने कोड ऑफ कंडक्ट की धारा 25(2) और 37(iii) के तहत संदीप घोष के खिलाफ सख्त कदम उठाया और संदीप के करीबी’ तीन डॉक्टरों को भी निलंबित कर दिया।
डॉक्टरों पर ‘दादागिरी’ का आरोप
विरूपाक्ष और अभीक पर मेडिकल कॉलेज में ‘दादागिरी’ का आरोप था। आरजी कर मामले के बाद एसएसकेएम के डॉक्टर ट्रेनी अभीक दे की घटनास्थल पर मौजूदगी को लेकर भी कई आरोप लगे थे। उन्हें तृणमूल छात्र परिषद ने निलंबित कर दिया है। बर्दवान मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर विरूपाक्ष विश्वास को बुधवार को बर्दवान मेडिकल कॉलेज से काकद्वीप महकमा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
इन सभी घटनाओं के बाद राज्य मेडिकल काउंसिल द्वारा यह कदम उठाया गया है, जिससे संबंधित डॉक्टरों के लिए भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।