
कोलकाता, 22 मई । राज्य सरकार द्वारा नौकरी से बर्खास्त किए गए एसएससी शिक्षक उम्मीदवारों ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के निवास के बाहर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन शिक्षकों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद उन्हें अब तक स्कूल में दोबारा शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 17 हजार 206 शिक्षकों को दोबारा स्कूल में बहाल किया जाना था, लेकिन अब तक केवल लगभग 15 हजार शिक्षकों को ही स्कूल जाने दिया गया है। बाकियों को न तो स्कूल में प्रवेश की अनुमति मिली है और न ही कोई स्पष्ट जवाब दिया गया है।
एक शिक्षक ने आरोप लगाया, “शिक्षा विभाग मानता है कि हम स्कूल में पढ़ा रहे हैं और वेतन भी ले रहे हैं, जबकि सच यह है कि हमें स्कूल में लौटने का मौका ही नहीं मिला। हम लगातार संबंधित विभागों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर जगह से सिर्फ हैरानी और असमंजस मिल रहा है।”
उल्लेखनीय है कि 2016 के एसएससी पैनल को सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने रद्द कर दिया था। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अदालत में स्पष्टीकरण की याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया था कि “दागी” उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी सभी शिक्षकों को स्कूल में दोबारा बहाल किया जाए और उनका वेतन भी जारी रखा जाए।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि जिलों के डीआई कार्यालयों और स्कूलों के प्रधान शिक्षकों को बहाली की सूची भेजी गई थी, लेकिन उन सूचियों में उनका नाम नहीं है। इसलिए अब वे सीधे शिक्षा मंत्री से बात करने की मांग को लेकर उनके निवास के सामने धरना दे रहे हैं।
हालांकि, खबर लिखे जाने तक मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। प्रदर्शन को देखते हुए शिक्षा मंत्री के आवास पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।