
कोलंबो, 04 अगस्त । श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने श्रीलंका और भारत के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अमान्य करने के आदेश की मांग करते हुए दायर की दो मौलिक अधिकार याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अचला वेंगापुली और न्यायमूर्ति प्रियंता फर्नांडो की दो सदस्यीय पीठ ने दोनों याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन आवेदनों पर आगे बढ़ने का कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता।
डेली मिरर अखबार की खबर के अनुसार भारत और श्रीलंका के बीच सात समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान 05 अप्रैल को राष्ट्रपति सचिवालय में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में हुआ था। इनमें रक्षा सहयोग, सफल डिजिटल समाधानों का आदान-प्रदान और पूर्वी प्रांत को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर समझौता ज्ञापन शामिल हैं।