कोलंबो, 24 जून। दो वर्षों के गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करने के बाद श्रीलंका की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर आ रही है। देश में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या इसका संकेत है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे इसी सप्ताह सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं कि भारत से मिली आर्थिक मदद की वजह से श्रीलंका दो साल के संकट के दौर से उबरने की दिशा में है।

पर्यटन पर काफी निर्भर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत दिख रहे हैं। कोरोना काल में चौपट हुए पर्यटन की वजह से देश को दो-तीन साल तक गंभीर आर्थिक संकट सामना करना पड़ा। एकबार फिर श्रीलंका में पर्यटकों की दिलचस्पी वापस आ रही है।

श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण के अनुसार, इस वर्ष अब तक 966,604 पर्यटक देश में आ चुके हैं। अकेले जून में अब तक 69,825 पर्यटक आ चुके हैं। इस साल जनवरी में 208253 पर्यटक, फरवरी में 218350 पर्यटक, मार्च में 209181 पर्यटक, अप्रैल में 148867 पर्यटक और मई में 112128 पर्यटक श्रीलंका आए हैं।

श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण के मुताबिक इस देश में रूस, भारत, जर्मनी, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया आदि से अधिक पर्यटक आए हैं। 2023 में श्रीलंका आने वाले पर्यटकों की संख्या 14 लाख 87 हजार रही।

उल्लेखनीय है कि पिछले शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कोलंबो में आयोजित 31वीं अखिल भारतीय साझेदार बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि दो मुश्किल वर्षों से गुजरने के बाद, मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि भारत ने हमें 3.5 अरब डॉलर का ऋण दिया था। वह सब चुका दिया जाएगा।