
कोलकाता , 7 जुलाई ।
पश्चिम बंगाल की सियासत में फिर एक बड़ा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का नाम सुर्खियों में है जिनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें इन दिनों तेजी से चल रही है। इस बीच उनके “भाजपा मतलब सरप्राइज” वाले बयान से अटकलों को और हवा मिल गई है ।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे तृणमूल की रैली में मौजूद रहेंगे, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा है कि”कोई एक मंच होगा या कई मंच होंगे, भाजपा का भी मंच होगा, देखा जाएगा” उनके इस कथन ने राजनीतिक हलकों में सुगबुगाहट तेज कर दी है।
गौरतलब है कि 30 अप्रैल को दीघा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक कार्यक्रम में दिलीप घोष को हंसते-मुस्कराते देखा गया था। तस्वीरें वायरल होते ही भाजपा में बेचैनी दिखने लगी। इसके बाद से वे न तो किसी पार्टी आयोजन में शामिल हुए, न ही प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य के स्वागत समारोह में नजर आए ।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा है कि “दिलीप घोष भाजपा में थे, हैं और रहेंगे। वे कोई सेलिब्रिटी कमोडिटी नहीं हैं कि जब चाहें पार्टी बदल लें। पार्टी उन्हें जहां ज़रूरत समझेगी, वहां उन्हें लगाया जाएगा, वे कहीं और नहीं जाएंगे।” लेकिन इस पर दिलीप घोष की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधुरी ने कहा है कि”दिलीप घोष वरिष्ठ नेता हैं, वे कहां जाएंगे यह उनका निजी निर्णय है। इसमें कांग्रेस की कोई रुचि नहीं”।हालांकि राजनीतिक हलकों में इस चुप्पी को हल्के में नहीं लिया जा रहा ।
उल्लेखनीय है कि दिलीप घोष भाजपा के सबसे मुखर नेताओं में एक रहे हैं। अगर वे सच में तृणमूल में शामिल होते हैं, तो यह बंगाल की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ होगा, क्योंकि वे ममता बनर्जी के कट्टर आलोचकों में गिने जाते रहे हैं।