नई दिल्ली, 23 अगस्त । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के अवसर पर एक कार्यक्रम को अपने मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि आज कृषि क्षेत्र में किसानों की मदद करने में अंतरिक्ष कार्यक्रम का महत्व उभरकर सामने आया है। क्रॉप एवरेज प्रोडक्शन एस्टिमेशन का सवाल हो, फसल प्रणाली हो, गेहूं, धान, सरसों, कपास, गन्ना इत्यादि का उत्पादन, क्षेत्रफल का सटीक रूप से अनुमान लगाना या मौसम की जानकारी सहित अन्य विषय, सभी में अंतरिक्ष विज्ञान की अहम भूमिका है।

शिवराज सिंह ने यहां के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में ‘कृषि परिवर्तन के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इसरो द्वारा विकसित ‘जियो पोर्टल’ के माध्यम से सूखे-बारिश व मौसम की लगभग सटीक जानकारी मिलने लगी है। इसका जनता की जिंदगी में कितना महत्व है, इसका हम सभी को आभास है। किसान भाई-बहन अब इसके अनुसार खेती की योजनाएं बनाने लगे हैं। हम जानते है कि ‘जियो पोर्टल’ मिट्टी की नमी के बारे में भी जानकारी देता है। फसल के स्वास्थ्य के बारे में भी डेटा को एकीकृत करता है और सटीक जानकारी उपलब्ध कराने का काम करता है। उन्होंने कहा कि नासा इसरो सिन्थेटिक ऐपर्चर रडार मिशन (निसार) की वजह से अब किसान की छोटी जोत क्षेत्रफल से लेकर बड़े क्षेत्रफल भाग तक, मिट्टी की नमी, फसल की सेहत, बायोमास सभी का सटीक अनुमान लगाना संभव हो गया है।

उन्होंने कहा कि सही जानकारियां किसानों तक पहुंचनी चाहिए और उन्हें जागरुक करने में हमारी अहम भूमिका अपेक्षित है। कृषि क्षेत्र में विज्ञान ने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं, उसकी सीधी जानकारी किसानों तक पहुंचाने के ध्येय से ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की गई थी।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि अभी वर्तमान में हमारे समक्ष यही चुनौती है कि हम रीयल टाइम में किसानों को आवश्यक जानकारी से अवगत कराए, ताकि इन जानकारियों के आधार पर किसान खेती में फायदा उठा सके। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ऐसा उपकरण विकसित करें जिससे नकली खाद और कीटनाशक का पता लगाया जा सके और यह जानकारी मिल सके कि उसमें कौन-कौन से तत्व सम्मिलित हैं। इस समस्या से किसान बड़े स्तर पर परेशान हैं। खेतों का विनाश हो रहा है। सोयाबीन के खेत में कीटनाशक के प्रयोग से फसल जलकर नष्ट हो गई।

उन्होंने अंतरिक्ष यात्री शुंभाशु शुक्ला को बधाई देते हुए कहा कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा की सफलता ने इस क्षेत्र में और तेजी से आगे बढ़ने के द्वार खोले हैं। भारत का यह मिशन मानवता के लिए सदैव शुभ रहेगा। हमारे देश में विज्ञान की परंपरा प्राचीन है। हमने दूसरों से नहीं सीखा बल्कि सिखाया है। हजारों साल पहले आर्यभट्ट जी ने गणित और खगोलशास्त्र की नींव रखी थी। इसी ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाने का आज हम काम कर रहे हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान का उतरना, अपने आप में अलग गर्व का विषय है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज हम ‘गगनयान’ की तैयारी कर रहे हैं। देश तेजी से तरक्की की ओर बढ़ रहा है।