
मालदा, 03 अगस्त । जिले के चांचल-2 ब्लॉक के साहुरगाछी गांव निवासी समीरुल हक दिल्ली में काम पर जाने के बाद सात महीने से लापता है। समीरुल का परिवार बेहद चिंतित है। समीरुल घर से अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड ले जाना भूल गया है। जिससे परिवार को और भी चिंता बढ़ गया है। समीरुल की मां बानू बीबी और पिता सहाबुद्दीन रविवार को चांचल पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो फूट-फूट कर रो पड़े।
बेबस मां बानू बीबी के अनुसार, उनका बेटा दिल्ली में कमाई के बाद घर पैसे भेजने वाला था लेकिन पैसे भेजना तो दूर सात महीने से परिवार से कोई संपर्क भी नहीं है।
उन्होंने सुना है कि बंगाल के प्रवासी मज़दूरों को विभिन्न राज्यों में परेशान किया जा रहा है। उन्हें डर है कि अन्य मज़दूरों की तरह समीरुल को भी पुलिस कैंप में नज़रबंद कर दिया गया होगा। उन्होंने स्थानीय प्रशासन ने मदद की गुहार लगाई है।
चांचल-2 ब्लॉक के बीडीओ शांतनु चक्रवर्ती ने कहा कि समीरुल के असहाय परिवार को ब्लॉक प्रशासन राहत प्रदान किया जाएगा। जबकि समीरुल को खोजने के लिए पुलिस से बात करने का आश्वासन दिया है।