
कोलकाता, 08 अप्रैल। राज्य में चर्चित एसएससी भर्ती घोटाले के मामले की शुरुआत 2021 में हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की अदालत से ही हुई थी। अब वही अभिजीत गांगुली, जो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं, से कानूनी सलाह लेने के लिए नौकरी गंवाए कुछ उम्मीदवार उनसे मिलने जा रहे हैं।
सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने बड़ी संख्या में नौकरी से हटाए गए शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपनी मांगें रखी थीं। वहां उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें एक योग्य वकील की जरूरत है जो उनके मामले को मजबूती से आगे बढ़ा सके। इसी पृष्ठभूमि में अब उम्मीदवारों के एक वर्ग ने पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली से कानूनी मार्गदर्शन लेने का निर्णय लिया है। हालांकि, सोमवार की उस बैठक में इन उम्मीदवारों को अग्रिम पंक्ति में नहीं देखा गया था।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर अभिजीत गांगुली ने कहा कि उम्मीदवारों ने मुझसे मिलने की इच्छा जताई है और कुछ नामों की सूची भी मुझे भेजी गई है। मैं सीधे तौर पर कानूनी सलाह नहीं दूंगा, लेकिन पार्टी के निर्देशानुसार उन्हें आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी दूंगा। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब 2021 में यह मामला अदालत में उठा था, तब पहली बार उनके न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई थी। इसलिए उम्मीदवारों का विश्वास है कि इस जटिलता से बाहर निकलने का रास्ता अभिजीत गांगुली ही दिखा सकते हैं।
बताया गया कि ‘एसएससी 2016 पैनल के वैध नौकरी गंवाए समाज’ नामक संगठन की ओर से अभिजीत से मिलने के लिए उम्मीदवारों का प्रतिनिधिमंडल जाएगा। सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में भी उन्होंने मुख्यमंत्री को एक अलग चिट्ठी सौंप कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था।
समूह के सदस्य सुमन विश्वास ने कहा कि अभिजीत गांगुली जब न्यायाधीश थे, तब उन्होंने राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर योग्य उम्मीदवारों के पक्ष में आवाज उठाई थी। हमें भरोसा है कि वे अब भी सही सलाह देंगे।