कोलकाता, 11 जून । पश्चिम बंगाल के ऊर्जा मंत्री अरूप विश्वास ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य में जिन घरों में पहले से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, उन्हें अब सामान्य मीटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। उपभोक्ताओं को हर तीन महीने में बिजली बिल चुकाना होगा, जैसे पहले किया जाता था।

यह घोषणा राज्य सरकार द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने के कुछ दिन बाद सामने आई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य भर में तेज़ विरोध और जनआक्रोश को देखते हुए इस योजना को स्थगित करने का निर्णय लिया था।

अरूप विश्वास ने प्रेस को बताया कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय केंद्र सरकार की ओर से थोपे गए निर्देश के तहत लिया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस योजना को रोक दिया है, इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि जिन घरों में पहले से स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, अब उन्हें सामान्य मीटर की तरह माना जाएगा। उपभोक्ताओं को हर तीन महीने में बिल भरना होगा, न कि एडवांस में।

राज्य सरकार ने एक आधिकारिक आदेश में स्पष्ट किया कि फिलहाल स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर रोक लगा दी गई है।

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में हावड़ा, उत्तर 24 परगना और बर्दवान जैसे जिलों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। स्थानीय निवासियों का आरोप था कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिलों में अचानक दो से तीन गुना बढ़ोतरी हो गई, जिससे जनआक्रोश भड़क उठा।