यूपी एटीएस 01

नई दिल्ली, 11 नवंबर। दिल्ली में लाल किले के मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के पास कार में हुए विस्फोट में जान गांवने वाले अमर काटरिया के परिवार ने जांच एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाया है।

अमर के पिता जगदीश ने सम्बद्ध समाचार एजेंसी से कहा कि साहब अब शिकायत करने से क्या होगा, मेरा बेटा तो वापस नहीं आएगा। पूरी रात भटकने के बाद सुबह जैसे-तैसे कुछ लोगों को रुपये देकर अपने बेटे का शव बरामद किया। यह कहां की इंसानियत है। इतनी बड़ी घटना होने के बाद राजनेता सिर्फ आपनी रोटी सेकने के लिए अस्पताल आ गए। इन लोगों की वजह से पुलिस ने दोनों तरफ की सड़क को बंद कर दिया। मृतक के परिवार वालों को अंदर तक जाने नहीं दिया। जगदीश का कहना है कि यह घटना जांच एजेंसी की लापरवाही के कारण हुआ है। अगर एजेंसी गंभीर होती तो शायद इतनी बड़ी घटना न होती है। मृतक के परिवार ने घटना में जान गांवने वाले सभी लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।

जगदीश ने बताया कि उनका बेटे का दवा का करोबार था। उसकी दुकान भगीरथ प्लेस में थी। जबकि उनका इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने का काम है। वह दुकान मयूर विहार इलाके में है। वह पिछले 50 साल से श्रीनिवासपुरी में रह रहे है। बेटे की चार साल पहले शादी हुई थी। उसका एक तीन साल का बेटा है। जगदीश के अनुसार सोमवार घटना से दस मिनट पहले उनके बेटे का उनके पास कॉल आया। कॉल पर बेटे ने कहा, पापा कहां पहुंचे और कितनी देर में घर पहुंच जाओगे। जिस पर उन्होंने कहा कि वह रास्ते हैं। इस बीच फोन कट गया। जगदीश बताते हैं कुछ देर बाद उन्होंने अपनी बहू कीर्ति को कॉल करके कहा कि वह बेटे को कॉल करके पूछ ले वह कहां है। अगर उनके रूट पर होगा तो वह कार से उसे साथ ले आएंंगे। पत्नी के कॉल करने पर अमर का मोबाइल किसी महिला ने उठाया और बताया कि लाल किले के पास विस्फोट हुआ है। यह फोन उन्हें वहीं से मिला है, अगर फोन लेना है तो कश्मीरी गेट आ जाओ।

अमर के ससुर सुदेश ने बताया कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद राजनेताओं का मौके पर आना ठीक नहीं था। उन लोगों के आने से पूरी सड़क को बंद कर दिया गया। सैकड़ों की संख्या में लोगों को एलजेपी अस्पताल के बाहर ही रोक दिया गया। पूछने पर जवाब मिला कि बड़े मंत्री अभी घायलों से मिलने आए है। इन लोगों की वजह से मृतक के परिजन अपने लोगों को देख तक नहीं पाए। शवगृह पर पूछने पर भी लोगों ने कहा कि देख रहे हैं, अभी इंतेजार कर लो।

दसवें व्यक्ति का अभी तक नहीं पता

लाल किला के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट के बाद से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। इस हादसे में 20 लोगों के घायल होने और 10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं कई लोग अब भी लापता हैं। इन्हीं में एक हैं शास्त्री पार्क निवासी 32 वर्ष के जुम्मन, जो ई-रिक्शा चलाते थे और सोमवार शाम से गायब हैं। जुम्मन की आखिरी लोकेशन लाल किला के पास मिली है। जुम्मन के चाचा इदरीश ने बताया कि भतीजा रोज की तरह सवारियों को छोड़ने चांदनी चौक गया था। रात से हम उसे ढूंढ रहे हैं लेकिन कुछ पता नहीं चला। चाचा ने बताया कि ई रिक्शा में जीपीएस लगा था, जिसकी आखिरी लोकेशन लाल किला के एक नंबर गेट के पास दिखी थी, लेकिन जब वहां पहुंचे तो गाड़ी की लोकेशन ऑन दिख रही थी, बाद में लोकेशन बंद हो गई।

उन्होंने बताया कि जब परिजन लोकेशन पर पहुंचे तो पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया और अस्पताल जाकर देखने की सलाह दी। हम एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, लेकिन अंदर जाने नहीं दिया गया। किसी ने कहा कि शवगृह में जाकर देख लो। फिर हम लोग शवगृह में गए लेकिन हमारी वहां किसी ने एक नहीं सुनी। इदरीश ने बताया कि पुलिस बस यही कह रही है कि अस्पताल और मुर्दाघर में जाकर देखो। हमने चांदनी चौक थाने में शिकायत दर्ज कराई है। अब उम्मीद है कि जल्द कुछ खबर मिले।

उल्लेखनीय है कि लाल किले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। शाम 6 बजकर 52 मिनट पर लालकिले के पास एक कार में धमाका हुआ। यह धमाका लालकिला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के बाहर आई-20 कार में हुआ था।