
सिलीगुड़ी, 25 दिसंबर । स्टीम इंजन की जानी-पहचानी “कु-झिकझिक” आवाज, कोयले की महक और कुहासे से ढकी ठंडी सुबह में जंगलों से घिरे पहाड़ी रास्ते उत्तर बंगाल पर्यटन की यही पारंपरिक तस्वीर इन दिनों देश-विदेश से आए पर्यटकों को खूब लुभा रही है। साल के आखिरी दिनों में सामान्य यात्रा की बजाय टॉय ट्रेन के पूरे स्टिम इंजन या पूरी ट्रेन को चार्टर कर यात्रा करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) अधिकारियों के अनुसार, उत्सव के मौसम में सुकना से रोंगटोंग तक का पहाड़ी रूट पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन गया है। अब बड़े पर्यटक दल पूरी ट्रेन किराए पर लेने में ज्यादा रुचि दिखा रहे है। हाल ही में एक पर्यटक दल ने डीजल इंजन से चलने वाली पूरी ट्रेन चार्टर कर इस रूट पर सफर किया। वहीं, 29 दिसंबर को भी एक टूर ऑपरेटर ने सुकना से रोंगटोंग तक स्टिम इंजन चार्टर शुरू किया है।
आंकड़ों के मुताबिक, डीएचआर के अन्य छोटे रूटों की तुलना में सुकना–रोंगटोंग रूट की मांग सबसे अधिक है।
दूसरी ओर, विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग–घूम–दार्जिलिंग जॉय राइड की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए डीएचआर प्रशासन ने फिलहाल तीन अतिरिक्त जॉय राइड चलाने का फैसला लिया है।
डीएचआर के निदेशक ऋषभ चौधरी ने बताया, सुकना से रोंगटोंग रूट पर चार्टर्ड ट्रेनों की जबरदस्त मांग है। इसके साथ ही जॉय राइड की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर जॉय राइड की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
साल के अंत में उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में हमेशा ही भारी भीड़ रहती है। फिलहाल स्कूल-कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां होने के कारण बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ पहाड़ों की सैर पर पहुंचे है। पहाड़ों की यात्रा टॉय ट्रेन के बिना अधूरी मानी जाती है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए डीएचआर ने विभिन्न सेगमेंट में जॉय राइड शुरू की है। दार्जिलिंग–कर्सियांग और कर्सियांग–तीनधारिया रूट की जॉय राइड पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय हो रही है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, 25 दिसंबर से एक जनवरी तक लगभग 80 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन पहले ही बुक हो चुके है। इसके अलावा, एनजेपी से दार्जिलिंग जाने वाली नियमित ट्रेनों की टिकटों की मांग भी चरम पर है। इसी बीच सुकना से रोंगटोंग या घूम तक पूरी ट्रेन चार्टर करने का चलन भी चर्चा का विषय बन गया है।
पर्यटकों का कहना है कि सुकना–रोंगटोंग रूट कम समय में पहाड़ और जंगल के अद्भुत संगम का अनुभव कराता है। सिलीगुड़ी के पास होने के कारण समय भी कम लगता है। इस मार्ग पर घने जंगलों की ठंडी हवा, दोनों ओर दिखने वाले रंग-बिरंगे पक्षी और प्राकृतिक सौंदर्य टॉय ट्रेन के असली रोमांच का एहसास कराते हैं। इसलिए पर्यटक इस रूट को सबसे बेहतरीन मान रहे है।






