कोलकाता, 2 जून  ।

सिलीगुड़ी में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद और बंगीय हिंदू महामंच की ओर से बुलाए गए 24 घंटे के बंद का असर पूरे शहर में दिखा। बंद के कारण आम जनजीवन प्रभावित रहा। कई निजी बसें सुबह से ही सड़कों से नदारद रहीं। राज्य सरकार की बसों में भी यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में कम रही।

यह बंद 29 मई की उस घटना के विरोध में बुलाया गया, जिसमें वीएचपी कार्यकर्ताओं पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। कार्यकर्ता उस समय अवैध रूप से गोमांस की ढुलाई रोकने की कोशिश कर रहे थे। आरोप है कि माटीगाड़ा इलाके में एक पिकअप वैन के जरिए गोमांस की तस्करी की जा रही थी।

सोमवार को बंद के समर्थन में वीएचपी और महामंच के कार्यकर्ता सिलीगुड़ी के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन करते दिखे। जलपाई क्रॉसिंग पर झंडे लेकर पिकेटिंग कर रहे सात प्रदर्शनकारियों को सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हाशमी चौक पर सड़क जाम के कारण यातायात प्रभावित हुआ, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हटाया।

प्रदर्शनकारियों ने शहर के कई प्रमुख बाजारों और चौराहों पर भी नारेबाजी की। बंद आयोजकों का दावा है कि सिलीगुड़ी के व्यापारी और आम लोग भी स्वेच्छा से बंद में शामिल हुए। उनका कहना है कि इलाके में गोकशी और उससे जुड़े आपराधिक तत्वों को लेकर लोगों में आक्रोश है।

बंगीय हिंदू महामंच की ओर से बताया गया कि गोमांस तस्करी में शामिल लोगों ने न सिर्फ कार्यकर्ताओं पर हमला किया, बल्कि एक कार्यकर्ता के घर में घुसकर तोड़फोड़ भी की। फिलहाल इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।