
कोलकाता, 26 अप्रैल। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए पिता-पुत्र के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें आर्थिक मदद दी। अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रस्तावित 10 लाख रुपये का मुआवजा पीड़ित परिवारों ने अस्वीकार कर दिया लेकिन उनकी ओर से दी गई 20 लाख रुपये की सहायता स्वीकार कर ली, जिसके लिए उन्होंने उनका आभार व्यक्त किया।
कलकत्ता हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी मुर्शिदाबाद पहुंचे। उन्होंने संशोधित वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। एक मंदिर में जाकर उन्होंने ग्रामीणों को मूर्ति सौंपी।
इसके पहले शुभेंदु अधिकारी ने हिंसा में मारे गए हरगोबिंद दास और चंदन दास के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। दोनों परिवारों को 10-10 लाख रुपये के चेक सौंपे। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की भूमिका की तीखी आलोचना की और कहा कि वक्फ कानून में संशोधन के विरोध को लेकर फैली हिंसा में प्रशासन ने निष्क्रियता दिखाई।
शुभेंदु ने बताया कि स्थानीय लोग इलाके में बीएसएफ कैंप की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को लेकर वे हाई कोर्ट जाएंगे और केंद्र सरकार को भी जानकारी देंगे। अधिकारी ने कहा, “यह साबित हो चुका है कि ये हिंदू परिवार हैं। पूरा गांव भय के साये में जी रहा है। एनआईए से जांच कराने की मांग भी उठ रही है। परिवारों ने मुख्यमंत्री द्वारा भेजी गई मदद ठुकरा दी है लेकिन हमसे सहायता स्वीकार कर ली है।”
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को मुर्शिदाबाद जाने की अनुमति दी थी, लेकिन शर्त रखी थी कि वहां वे कोई सभा नहीं करेंगे और न ही भड़काऊ बयान देंगे। उनके साथ सिर्फ दो लोग जा सकते हैं।