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कोलकाता, 18 फरवरी। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा देकर बंगाल की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि पड़ोसी देश से आतंकी बंगाल में अपने ठिकाने बना रहे हैं और जब असम की एसटीएफ ने इन्हें पकड़ा, तब राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। उन्होंने सवाल उठाया कि जब खुद ममता बनर्जी के मंत्री ने स्वीकार किया कि कोलकाता के कुछ इलाके पड़ोसी देश जैसे दिखते हैं और एक विशेष समुदाय की आबादी में इजाफा हो रहा है, तब भी सरकार चुप क्यों है?
अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर धार्मिक आधार पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है। अधिकारी के अनुसार, “ममता बनर्जी ने विधानसभा में महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहा, जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर सीधा प्रहार है। करीब 40 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। उन्हें किसने हक दिया कि वे हिंदुओं की धार्मिक आस्था का अपमान करें?”
अधिकारी ने आरोप लगाया कि बंगाल में सरस्वती पूजा सदियों से धूमधाम से होती आई है, लेकिन तृणमूल सरकार के शासन में इसे भी बाधित करने की कोशिशें हुईं। उन्होंने दावा किया कि एक व्यक्ति, साबिर मंडल ने एक कॉलेज में सरस्वती पूजा पर फतवा जारी कर दिया, जहां ममता बनर्जी खुद पढ़ने का दावा करती हैं, लेकिन सरकार ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा में भाजपा विधायकों के निलंबन को जनहित के मुद्दों को दबाने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक आरजी कर अस्पताल की घटना, केंद्रीय योजनाओं के फंड में हो रही धांधली, तृणमूल पार्टी के भीतर हिंसा और राज्य व केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन भत्तों में असमानता जैसे मुद्दों को उठाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें चुप कराने के लिए निलंबित कर दिया।
उन्होंने तृणमूल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ममता बनर्जी खुद विधानसभा में 2006 में हिंसा की अगुवाई कर चुकी हैं, जबकि तब वे सदन की सदस्य भी नहीं थीं। अधिकारी ने कहा कि वे राज्य की जनसांख्यिकी बदलने की साजिश को सफल नहीं होने देंगे और हिंदू समाज को इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार रहने को कहा।