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मुंबई, 11 जनवरी । महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी के अपने दम पर नगर निगम चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद महाविकास आघाड़ी (मविआ) गठबंधन में फूट की संभावना बढ़ गई है। शिवसेना यूबीटी ने नेता संजय राऊत ने कहा कि इससे सभी पार्टियों को स्थानीय स्तर पर विस्तार का अवसर मिलेगा। लेकिन शिवसेना यूबीटी की यह घोषणा मविआ छोड़ने का संकेत माना जा रहा है।
संजय राऊत ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने हमें अपने दम पर लड़ने का निर्देश दिया है। इसलिए हम मुंबई से लेकर नागपुर तक सभी चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे। उन्हाेंने कहा कि हम इसे बस एक बार देखना चाहते हैं, जो भी होगा, यह हमारा निर्णय है। गठबंधन में चुनाव लड़ने से पार्टी का विकास प्रभावित होता है क्योंकि कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं दिए जाते। मुंबई, ठाणे और नागपुर के कार्यकर्ताओं को कब मौका दिया जाएगा? उन्हाेंने कहा कि सभी दलों को स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहिए और अपने कार्यकर्ताओं को अवसर देना चाहिए।
संजय राऊत के इस व्यक्तव्य पर राकांपा एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी हम नगर निगम और जिला परिषद चुनाव अलग -अलग ही लड़ते रहे हैं। आज इस तरह से घोषणा करना समझ से परे हैं। जबकि राकांपा एसपी के ही नेता जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि गठबंधन में कोई भी निर्णय सभी को साथ लेकर करना चाहिए। अब शिवसेना यूबीटी ने यह निर्णय अकेले किया है तो गठबंधन में शामिल दल भी अपने दम पर ही लड़ेंगे। उन्हाेंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में सभी ने देखा कि वोट बंटवारे का नफा और नुकसान किस तरह होता है। कांग्रेस पार्टी को पहले ही शिवसेना के अपने दम पर (स्वबल) संबंधी बयान पर दोटूक कह चुकी है कि वह भी अपने बल पर चुनाव लड़ने को तैयार है। जबकि वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष अपने बेटे आदित्य ठाकरे के भविष्य को देखते हुए मविआ से हटना चाहते हैं। इसी वजह से उन्होंने स्वबल पर नगर निगम चुनाव लडऩे का ऐलान किया है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव शिकस्त मिलने के बाद शिवसेना यूबीटी में बौखलाहट मच गई है। इसका कारण शिवसेना यूबीटी के कई नेता यहां तक कि पदाधिकारी पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं। इसी वजह से विधानसभा चुनाव के बाद से शिवसेना यूबीटी ने महाविकास आघाड़ी से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिल चुके हैं और मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी कह चुके हैं कि उद्धव ठाकरे उनके दुश्मन थोड़े ही है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना यूबीटी देर सबेर मविआ को छोड़ एनडीए में शामिल हो सकती है।
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