कोलकाता, 14 जनवरी।  पश्चिम बंगाल में गत पांच जनवरी को छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले का मास्टरमाइंड तृणमूल नेता शाहजहां शेख 10 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

ईडी के अधिकारी राशन वितरण घोटाले की जांच के तहत शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गए थे , तभी शाहजहां के 800 से एक हजार समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर हमला कर दिया था।

हमले में एजेंसी के तीन अधिकारी घायल हो गए और उनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। घटना के 10 दिन बीतने के बाद भी अभी तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।

आरोप है कि शाहजहां शेख को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। शाहजहां के समर्थन में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सड़क पर उतर आई और ईडी के अधिकारियों पर स्थानीय लोगों को उकसाने का आरोप लगाया था।

इलाके में भाई के नाम से जाना जाता है शाहजहां

तृणमूल कांग्रेस की संदेशखाली इकाई के अध्यक्ष 42 वर्षीय शाहजहां शेख इलाके में भाई के नाम से जाना जाता है। अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा शाहजहां कभी बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना के संदेशखाली ब्लॉक में मत्स्य पालन व्‍यवसाय और ईंट भट्टों पर श्रमिक के रूप काम किया करता था। शाहजहां शेख ने पिछले साल जिला परिषद सीट हासिल की।

माकपा के जमाने में रखा राजनीति में कदम

2004 में शाहजहां शेख ने ईंट भट्टों के यूनियन नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। तब पश्चिम बंगाल में वाम दलों का शासन था। बाद में माकपा में शामिल हुआ।

अपने जोशीले भाषणों और संगठनात्मक कौशल के लिए पहचाने जाने वाले शाहजहां शेख ने 2012 में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा और पार्टी में शामिल हो गया। तब से सत्ता के गलियों में शाहजहां का कद बढ़ा है।

2018 में शाहजहां ने सरबेरिया अग्रहटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में प्रसिद्धि हासिल की। शाहजहां को उत्तर 24 परगना के लिए ”मत्सा कर्माध्यक्ष” (मत्स्य पालन के प्रभारी) के रूप में जाना जाता है। वह पूरे जिले के मत्स्य विकास की देखरेख करता है जो उसके राजनीतिक और आर्थिक दोनों रसूख को दिखाता है।

भाजपा ने बताया संघीय ढांचे पर सीधा हमला

भाजपा ने हमले की इस घटना को संघीय ढांचे पर सीधा हमला करार दिया है जबकि, कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा था कि राज्य सरकार का कर्तव्य अराजकता को खत्म करना है। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल कोई बनाना रिपब्लिक नहीं है।