इस्लामाबाद 20 नवंबर। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सजा के खिलाफ अपील पर पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ( आईएचसी ) सोमवार से सुनवाई करेंगे।
आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अमीर फारूक और न्यायमूर्ति मियां गुल हसन औरंगजेब 21 नवंबर (मंगलवार) को आईएचसी की विशेष पीठ में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेंगे।
नवाज शरीफ ने दो मामलों में 10 महीने और 26 दिन जेल में बिताए। एवेनफील्ड संदर्भ परीक्षण 9 महीने और 28 दिनों तक चला। अल-अज़ीज़िया संदर्भ एक वर्ष तीन महीने 16 दिन तक चला। मुक़दमे के दौरान नवाज़ शरीफ़ और मरियम नवाज़ 100 से अधिक बार अदालत में पेश हुए।
मरियम नवाज और कैप्टन सफदर को पहले ही बरी कर दिया गया है, जबकि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने कहा है कि एवेनफील्ड फ्लैट्स मामले में नवाज शरीफ के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इस मामले में उन्हें एक दो पेशी बरी करने के लिए है और अल-अज़ीज़िया संदर्भ में सज़ा नहीं दी गई थी। दोषी ठहराने वाले जज दिवंगत अरशद मलिक का यह कबूलनामा है। मामले को ख़ारिज किया जाना चाहिए या जवाबदेही अदालत को वापस भेजा जाना चाहिए।
इस सप्ताह में मियां नवाज शरीफ के खिलाफ मामलों को लेकर काफी प्रगति होने की संभावना है। इस बीच देशभर में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की जवाबदेही को लेकर काम करने वाली संस्था सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) की सबसे अहम बैठक आज होगी। इसमें न्यायमूर्ति सरदार तारिक और न्यायमूर्ति मजाहिर अली अकबर नकवी के खिलाफ आवेदनों की समीक्षा की जाएगी।
बैठक में न्यायमूर्ति मजाहिर नकवी और न्यायमूर्ति सरदार तारिक के खिलाफ शिकायतों की जांच की जाएगी। बैठक में न्यायमूर्ति मजाहिर नकवी की आपत्तियों पर भी विचार किया जाएगा। एसजेसी ने न्यायमूर्ति नकवी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। परिषद की ओर से जस्टिस सरदार तारिक के खिलाफ शिकायतकर्ताओं को सबूतों के साथ तलब किया गया है।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति मजाहर अली अकबर नकवी ने एसजेसी की जांच पर आपत्ति जताई थी और मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा और दो अन्य न्यायाधीशों को कार्रवाई से बाहर करने की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के मामलों की सुनवाई करेगी।