मेदिनीपुर, 20 जनवरी । मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के सात निलंबित पीजीटी छात्रों ने कॉलेज की अध्यक्ष मौसमी नंदी के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भेजकर अनुरोध किया कि उनकी सजा माफ की जाए। वे आशावादी हैं कि इससे कुछ न कुछ परिणाम निकलेगा। कॉलेज अध्यक्ष मौसमी नंदी ने भी कहा कि पत्र मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। चलो देखते हैं क्या होता हैं।
इस बीच, जूनियर डॉक्टरों ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए रविवार को एक और जीबी बैठक की। हालांकि, जूनियर डॉक्टरों का एक बड़ा वर्ग अब अपनी मांगों को उग्र आंदोलन के रूप में नहीं, बल्कि अनुरोध के रूप में प्रस्तुत करना चाहता है। जूनियर डॉक्टरों ने पीजीटी पर लगाई गई सजा को रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार को मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। हालांकि, सामान्य मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग विभागों के अनुसार निर्णय लिए गए। आंशिक हड़ताल को किस प्रकार क्रियान्वित किया जाएगा, इसका निर्णय लिया जाएगा। प्रदर्शनकारी मरीज़ सेवाओं में बाधा उत्पन्न नहीं करना चाहते।
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हाल ही में हुई मातृ एवं शिशु मृत्यु के संबंध में अब तक जूनियर एवं वरिष्ठ तेरह डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ अनैच्छिक हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है। इनमें सात पीजीटी छात्र भी शामिल हैं। जूनियर डॉक्टरों ने खराब सलाइन को दोषी ठहराते हुए जूनियर डॉक्टरों पर अनुचित तरीके से दंड लगाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजी गई 13 सदस्यीय जांच टीम को चिकित्सकीय लापरवाही के कई साक्ष्य मिले। इसके बाद डाक्टरों पर कार्रवाई हुई।