लिलोंग्वे (मलावी), 19 अक्टूबर। तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा के अंतिम चरण में मलावी पहुंचीं भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत के बाहर रह रहे अपने देशवासियों का कल्याण करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनकी सरकार भारतीयों की चिंता को दूर करने और उनकी सुरक्षा, कल्याण और उन्नति सुनिश्चित करने के लिए विश्व में अपने सहयोगियों के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि भारत आपसी विश्वास, समानता, और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों पर आधारित अफ्रीकी महाद्वीप के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देता है। अफ्रीका के साथ सहयोग का हमारा मॉडल स्थानीय संसाधन का उपयोग करने और क्षमता निर्माण का है। यह अफ्रीका की आवश्यकताओं की प्राथमिकता पर आधारित है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि ग्लोबल साउथ के अग्रणी सदस्य के रूप में भारत विश्व की दोतिहाई जनसंख्या के हितों का प्रतिनिधित्व करने की अपनी भूमिका को गंभीरता से लेता है। मलावी में आप सभी के बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। भारत और मलावी के राजनयिक संबंधों को 60 वर्ष पूरे हो गए हैं। यह रिश्ते ऐतिहासिक हैं। मलावी से भारत के गहरे सांस्कृतिक संबंध भी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का मलावी के राष्ट्रपति लाजर मैक्कार्थी चकवेरा ने स्टेट हाउस में गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारत-मलावी संबंधों को सुदृढ़ करने के अलावा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लिलोंग्वे में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया। उन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध और अन्य सैन्य अभियानों के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों और नागरिकों को पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने उन भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी, जिनके बलिदान को इस स्मारक में महत्व दिया गया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने मलावी के पहले राष्ट्रपति डॉ. हेस्टिंग्स कामुजु की समाधि पर भी पुष्पांजलि अर्पित की।