पश्चिम सिंहभूम, 8 अगस्त । जिले के मौजा कोन्दरकोड़ा के मुण्डा अक्षय कुमार प्रधान पर पद का दुरुपयोग और ग्रामीणों के शोषण के गंभीर आरोप लगने के बाद उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी चंदन कुमार के न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर उपायुक्त ने राजस्व वाद अंकित करते हुए जगन्नाथपुर अंचल अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

शिकायतकर्ता मानकी दीपक लागुरी ने ग्रामीणों की ओर से यह शिकायत एक अगस्त को आयोजित विशेष ग्रामसभा की अनुशंसा पर दर्ज कराई। इस ग्रामसभा में 102 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर मुण्डा को हटाने का समर्थन किया। आरोप है कि अक्षय कुमार प्रधान जाति, आय और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर के लिए धन वसूलते थे, वृद्धा और विधवा पेंशन के फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के बदले रुपये लेते थे और मौजा में न रहकर ओडिशा के रामला गांव में निवास करते थे। इसके अलावा उन पर परती जमीन बेचने, ग्राम में विवाद की सूचना पर घटनास्थल पर नहीं पहुंचने, सरकारी योजनाओं से जुड़ी बैठकों में अनुपस्थित रहने, मालगुजारी रसीद काटने में लापरवाही और अतिरिक्त वसूली करने तथा आपराधिक घटनाओं की सूचना पुलिस को न देने का भी आरोप है।

इन आरोपों को गंभीर मानते हुए विशेष ग्रामसभा में मुंडा को पद से हटाने और नए मुंंडा के चयन का निर्णय लिया गया। उपायुक्त चंदन कुमार ने विधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। जगन्नाथपुर अंचल अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि आरोप सत्य हैं या नहीं। हालांकि, ग्रामीणों की एकजुटता और शिकायत की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है।