नई दिल्ली, 21 मार्च। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्लूसी) के सदस्य आनंद शर्मा ने गुरुवार को पार्टी की ओर से घोषित जातिगत जणगणना पर सवाल उठाए हैं। आनंद शर्मा के सवाल उठाने के बाद अन्य कांग्रेसी नेता अब चर्चा की दुहाई देने लगे हें।

आनंद शर्मा ने मामले को गंभीर बताते हुए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भी लिखा है। आनंद शर्मा ने कहा है कि जातिगत जनगणना पर पार्टी का हालिया जोर पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी द्वारा अपनाए गए रुख के विपरीत है। इसलिए जातिगत जनगणना मामले पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है।

आनंद शर्मा ने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा से गरीब, शोषितों की भलाई, समानता और सामाजिक न्याय की बात करती रही है। आजादी के बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए और बाद में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए आरक्षण लागू किया । यह एक समूह के लिए निर्णय था किसी जाति विशेष के लिए नहीं था।

आनंद शर्मा ने 1980 के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा दिए गए नारे “जात पर न पांत पर मुहर लगेगी हाथ पर” के ऐतिहासिक रुख का जिक्र किया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा संसद में दिए गए बयानों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने 1990 में चुनाव के दौरान भी जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध किया था।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में कहा कि मेरे विचार में जाति जनगणना रामबाण नहीं हो सकती और न ही बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान हो सकती है। मेरी विनम्र राय में इसे इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अनादर करने के रूप में गलत समझा जाएगा।

जाति जनगणना पर सवाल उठाने वाले आनंद शर्मा के पत्र पर कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने कहा कि आनंद शर्मा वरिष्ठ नेता हैं। वे सीडब्ल्यूसी के सदस्य भी हैं इसलिए यदि वह कुछ भी चर्चा करना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं।

कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा यह पार्टी हर भारतीय की है। पार्टी में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए स्वतंत्र हैं। हमने जाति-आधारित राजनीति नहीं की लेकिन जाति जनगणना के आधार पर हम सभी वर्गों के लिए नीतियां बना सकेंगे।