जयपुर, 14 दिसंबर। राजस्थान के कार्यवाहक और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य इंटेलिजेंस पुलिस की अभिशंषा के आधार पर जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। हाल ही में इंटेलिजेंस पुलिस के की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिखा गया था। लेकिन भविष्य में इस सुरक्षा व्यवस्था का अन्तिम निर्णय नवगठित सरकार पर छोड़ा है। आदेश में लिखा है कि सुरक्षा व्यवस्था जारी रखने का निर्णय कमेटी करेगी। कमेटी में यह मामला सरकार के गठन के बाद ही भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि मतगणना के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक सिक्योरिटी अलर्ट मिलने की बात कही गई है। इस आधार पर उन्हें जेड श्रेणी सुरक्षा का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग के भेजा गया। विभाग की इजाजत के बाद अस्थाई रूप से जेड श्रेणी सुरक्षा का आदेश हुए हैं। इसमें दो-आठ की गार्ड के साथ एस्कॉर्ट की सुविधा भी मिलती है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री गहलोत को यह सुविधा आगे भी मिलती रहेगी या नहीं यह नवगठित सरकार तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री को नियमों के मुताबिक यह सुरक्षा नहीं मिलती है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल को जेड-प्लस सुरक्षा दी जाती है।

सुरक्षा देने के पीछे गोगामेड़ी हत्याकाण्ड के बाद समर्थकों में रोष बताया जा रहा है। इससे निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खतरा बताया गया। जिसके बाद राज्य इंटेलिजेंस की ओर से सुरक्षा देने की बात कही गई है।

निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तीन डिप्टी एसपी समेत पांच व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की सुरक्षा मिल गई है। राजस्थान पुलिस की ओर से आठ दिसंबर को जारी हुए एक आदेश के अनुसार गहलोत की सुरक्षा में तीन डिप्टी एसपी, एक पुलिस निरीक्षक और एक सहायक उप निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए है।

आदेश में बताया गया है कि पूर्व सीएम गहलोत की सुरक्षा में डिप्टी एसपी किशोरीलाल, डिप्टी एसपी रामनिवास और डिप्टी एसपी नीरज मेवानी को तैनात किया गया है। इसी तरह से पुलिस निरीक्षक जगजीवन राम और सहायक उप निरीक्षक भीम सिंह को भी पांच सदस्यीय पीएसओ टीम में शामिल किया गया है। यह आदेश राजस्थान पुलिस के एडीजी इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर की ओर से जारी हुए हैं।