अपने प्राण न्योछावर कर देने का संकल्प राजस्थान की भूमि के कण-कण में बसा : राजनाथ सिंह
जयपुर, 23 सितंबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जयपुर यात्रा के दाैरान सोमवार को सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। वह आज सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन स्कूल के कैंपस में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बने सैनिक स्कूल का उद्घाटन करने आए थे। कार्यक्रम के बाद वह एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रहे थे, तभी एक छात्र सुरक्षा घेरा तोड़कर उनके पास पहुंच गया। सुरक्षाकर्मियों ने छात्र को वहां से हटाया। हालांकि, बाद में राजनाथ सिंह ने छात्र को अपने पास बुलाया और उसकी बात सुनी। छात्र हर्ष भारद्वाज ने कहा कि वह 10वीं क्लास में पढ़ता है और जयपुर में अकेला रहता है। उसकी मम्मी झालावाड़ में सरकारी टीचर हैं। उनका ट्रांसफर यहां नहीं हो रहा है। जयपुर पुलिस ने सुरक्षा घेरा और प्रॉटोकॉल टूटने जैसी कोई घटना हाेने से इनकार किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्री भवानी निकेतन सैनिक स्कूल का उद्घाटन कर कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में रक्षा मंत्रालय ने इन 100 स्कूलों में से 45 स्कूल राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और निजी स्कूलों के सहयोग से खोलने को मंजूरी दी गई। इनमें से 40 स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो गयी है और जयपुर का श्री भवानी निकेतन सैनिक स्कूल उनमें से एक है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि है, इस भूमि पर महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महाराज सूरजमल और सवाई जयसिंह जैसे शौर्य और पराक्रम के अनेक प्रतिनिधि जन्मे। अपनी मातृभूमि की रक्षा करना और उसकी रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर देने का संकल्प इस भूमि के कण-कण में बसा हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये सैनिक स्कूल के विद्यार्थी देश प्रेम की ऐसी भावना से ओत-प्रोत होंगे। साथ ही उन्हें भारत की सैन्य सेवाओं में जाने के लिए उचित मार्गदर्शन मिलेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी पीपीपी मॉडल की बात होती है तो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप समझा जाता है लेकिन अब समय बदल रहा है। अब पीपीपी का मतलब प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप है। वर्तमान समय में अर्थव्यवस्था के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका सार्वजनिक क्षेत्र के मुकाबले कहीं ज्यादा है। देश की अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र की महती भूमिका है। इसमें कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र एक साथ आएंगे ताे इन नए सैनिक स्कूलों के माध्यम से हमारी भावी पीढ़ियों को सर्वोत्तम शिक्षा देंगे।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जयपुर को सैनिक स्कूल की सौगात देने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वो खुद एक सैनिक की बेटी हैं और इस पर उन्हें गर्व है। राजस्थान में बड़ी संख्या में सैनिकों के परिवार रहते हैं। यहां सैनिक स्कूल खुल जाने से ऐसे परिवारों को मदद मिलेगी। 2014 के बाद पीएम और रक्षा मंत्री ने साफ किया कि अब देश में रक्षा को लेकर मजबूत घेरा है। इसलिए चिंता की बात नहीं हैं। नए भारत में किसी का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि त्योहारों पर पीएम जवानों का मनोबल बढ़ाते है। सेना के साथ सरकार खड़ी हैं। खुद रक्षा मंत्री भी इस बात का संदेश देते रहे हैं। 2021 में केंद्र ने 100 सैनिक स्कूल की स्वीकृति दी थी। अब स्कूल की पढ़ाई भी देश भक्ति की भावना के साथ होगी।
सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, संपूर्ण राजस्थान को एक और ऐतिहासिक सैनिक स्कूल की सौगात मिली है। यह हम सभी के लिए गर्व का पल है। यह स्कूल देशभक्त युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करेगा। सैनिक स्कूल अकादमिक ज्ञान प्रदान करते हैं और युवाओं के समग्र विकास के लिए अनुशासन, देशभक्ति और साहस के मूल्यों को विकसित करते हैं।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, सांसद मंजू शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व सांसद रामचरण बोहरा भी मौजूद रहे।