
कोलकाता, 24 मई ।
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था—जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों—को कर वसूली में मनमानी के मामलों पर सख्त चेतावनी दी है। राज्य सचिवालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अब बिना सरकारी अनुमति के कोई भी पंचायत कर या शुल्क नहीं लगा सकेगी।
सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि पंचायतें अपने स्तर पर नए कर और शुल्क वसूल रही हैं। इन शिकायतों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराज़गी जताई, जिसके बाद मुख्य सचिव मनोज पांथ ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि कर या शुल्क लगाने से पहले पंचायतों को राज्य सरकार के वित्त या पंचायत विभाग से अनुमति लेनी होगी। बिना स्वीकृति कोई नया कर नहीं लगाया जा सकता।
राज्य सरकार ने हाथ से लिखी रसीदों की प्रणाली को समाप्त करते हुए ‘सहज सरल’ नामक एक पोर्टल की शुरुआत की है, जो ‘यूनिफाइड अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर’ पर आधारित है। अब पंचायतों द्वारा प्राप्त होने वाला राजस्व, जैसे जमीन, भवन, संपत्ति, घाट, मैदान और निविदाओं से संबंधित आय, इसी पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जाएगी।
सरकार की ओर से पहले से ही कर वसूली को लेकर गाइडलाइन मौजूद है। मुख्य सचिव ने कहा है कि सभी बीडीओ (ब्लॉक विकास अधिकारी) यह सुनिश्चित करेंगे कि पंचायतें निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन कर रही हैं या नहीं। किसी भी स्तर पर उल्लंघन पाए जाने पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।