पश्चिम सिंहभूम, 3 जुलाई । जिले के झारखंड-ओड़िशा सीमावर्ती सारंडा के घने जंगलों में  छह साल के एक जंगली हाथी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना ने वन विभाग को अलर्ट कर दिया है।

बताया जा रहा है कि हाथी का पिछला बायां पैर बुरी तरह जख्मी है और उसका पैर काफी सूज गया है। घटना 24 से 26 जून के बीच की बताई जा रही है। घायल हाथी को पहली और आखिरी बार 27 जून को सारंडा के दीघा जंगल में ड्रोन की मदद से देखा गया था। इसके बाद से ही वन विभाग की टीमें उसे खोजने और रेस्क्यू करने में जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक उसका पता नहीं चल पाया है।

वहीं स्थानीय लोगों ने संदेह व्यक्त किया है कि नक्सलियों की ओर से जंगल में लगाए गए आईडी की चपेट में आने से हांथी घायल हुआ है। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

स्थानीय लोगों के अनुसार यह गुडरू हाथी है, जिसे जंगल के पानी में खड़े होकर अपने घाव पर पानी का फव्वारा मारते हुए देखा गया था। हाथी के घायल होने की जानकारी मिलते ही समता, सासंगदा, गुआ, कोयना और आनंदपुर वन रेंज की टीमें, साथ ही ओड़िशा के बिश्रा वन रेंज की टीम और ओड़िशा की वेटनरी टीम भी उसे खोजने में लगी हुई हैं। सभी टीमें लगातार अलग-अलग इलाकों में उसकी तलाश कर रही हैं ताकि उसे सुरक्षित रेस्क्यू कर उपचार कराया जा सके।

इस संबंध में गुरुवार को समता वन क्षेत्र के वनक्षेत्र पदाधिकारी शंकर भगत ने बताया कि हाथी के घायल होने की सूचना मिली है। हालांकि, हाथी आईईडी से घायल हुआ है या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल वन विभाग की टीम हाथी को खोजने में लगी हुई है। ताकि, उसका जल्द से जल्द इलाज किया जा सके।

वन विभाग को उम्मीद है कि घायल हाथी जल्द ही उनकी टीमों के संपर्क में आएगा और उसका समुचित इलाज शुरू किया जा सकेगा। फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।