कोलकाता, 7 अगस्त। बंगाल के सिनेमा हॉलों में अब कम से कम एक शो बांग्ला फिल्मों के लिए आरक्षित रखना अनिवार्य होगा। गुरुवार को नंदन में टॉलीवुड के दिग्गज निर्माता-निर्देशकों और राज्य के मंत्री अरूप विश्वास के बीच हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। बैठक में मौजूद रहे अभिनेता देव, ऋतुपर्णा सेनगुप्ता, कौशिक गांगुली, शिवप्रसाद मुखर्जी, श्रीकांत मोहता, निस्पाल सिंह, राणा सरकार और इम्फा अध्यक्ष पिया सेनगुप्ता सहित कई प्रमुख हस्तियों ने बैठक को बेहद सकारात्मक बताया।

दरअसल, बीते वर्षों में राज्य के सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में बड़े बजट की हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों की मांग के कारण बांग्ला फिल्मों को स्क्रीन से हटाया जाता रहा है या उनके शोज़ कम कर दिए गए हैं। इससे बांग्ला सिनेमा को आर्थिक नुकसान हुआ और दर्शकों तक पहुंच भी सीमित हो गई। इसी पृष्ठभूमि में टॉलीवुड की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप की अपील की गई थी, जिसके बाद मंत्री अरूप विश्वास ने यह बैठक बुलाई।

निर्देशक कौशिक गांगुली ने कहा, “मेरी भाषा ही मेरी ताकत है। सालों से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन हिंदी फिल्मों के कारण बांग्ला फिल्मों को हॉल नहीं मिलते। मुम्बई के वितरकों की ओर से कई बार यह शर्त रखी जाती है कि सिंगल स्क्रीन में चारों शो हिंदी फिल्म को ही दिए जाएं, वरना वे फिल्म नहीं भेजेंगे। ऐसे में हॉल मालिक मजबूरी में उनकी बात मानते हैं और बांग्ला फिल्मों को जगह नहीं मिलती।”

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के किसी भी सिनेमाघर को बांग्ला फिल्म के प्रदर्शन से इनकार करने की इजाजत नहीं होगी। यदि कोई बांग्ला फिल्म अच्छा व्यवसाय नहीं कर रही है, तो हॉल मालिक उसे हटाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उसे एक उचित मौका अवश्य दिया जाएगा।

बैठक के बाद अभिनेता देव ने कहा, “बंगाल में बांग्ला फिल्में न चलें, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने बैठक में यह तय किया कि सभी सिनेमाघरों को कम से कम एक शो बांग्ला फिल्मों के लिए रखना ही होगा। सभी वितरक और हॉल मालिक भी इस पर सहमत हैं।”

वहीं, अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा, “मेरी फिल्में चल रही हैं, लोग देख भी रहे हैं, फिर भी टाइम स्लॉट बदल दिए जाते हैं। वितरक कई बार प्रोड्यूसरों को सही जवाब नहीं दे पाते। ऐसे में प्रोड्यूसरों में हताशा बढ़ती है। जब कोई प्रेम से बांग्ला फिल्म बनाता है तो उसे बंगाल में मंच मिलना ही चाहिए। आज की बैठक से समाधान की दिशा मिली है।”