कोलकाता, 22 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के आर.जी. कर अस्पताल में भ्रष्टाचार के बड़े आरोप सामने आए हैं। जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 137 पृष्ठों के दस्तावेज सौंपते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉक्टरों का दावा है कि आर.जी. कर अस्पताल में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हो रही हैं, जिन पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

इन दस्तावेजों में बताया गया है कि कैसे अस्पताल में एक लाख 75 हजार रुपये की कीमत वाली मशीन को चार लाख 30 हजार रुपये में खरीदा गया। यह भी आरोप है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भ्रष्टाचार के मामले और बढ़ गए थे। अस्पताल के अंदर टेंडरों में गड़बड़ी, उपकरणों की खरीद और पार्किंग जैसी सेवाओं में भी बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी की गई।

अस्पताल के कुछ मामलों में मृत शरीरों को लेकर भी व्यापारिक गतिविधियां चलने की बात सामने आई है। प्रकरण से जुड़े आरोपों की जांच पहले से ही सीबीआई द्वारा की जा रही है, और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार भी किया गया है।

जूनियर डॉक्टरों ने दावा किया कि इन भ्रष्टाचार की घटनाओं के बारे में स्वास्थ्य विभाग को पहले से ही जानकारी थी फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सभी दस्तावेज सौंपे गए हैं।

यह पूरा मामला अगस्त 2024 में अस्पताल की एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के बाद सामने आया था, जिसमें डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के आरोप लगे थे। इस घटना के बाद ही आर.जी. कर अस्पताल में गहराते भ्रष्टाचार के मामले प्रकाश में आए और अब इस पर व्यापक कार्रवाई की मांग उठ रही है।

अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वे लंबे समय से इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, और अब वे मुख्यमंत्री से उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।