
रांची, 01 जुलाई । भगवान भोलेनाथ के प्रिय माह सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। 10 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा और 11 जुलाई से श्रावण कृष्ण प्रतिपदा माह में गुरु आदित्य योग के शुभ संयोग में शिव आराधना की शुरुआत होगी। इस बार सावन में चार सोमवार का संयोग बन रहा है। 9 अगस्त को स्नानदान की पूर्णिमा और रक्षाबंधन के साथ इस पावन माह का समापन आयुष्मान और सौभाग्य योग के साथ होगा।
पंडित मनोज पांडेय ने बताया कि सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में 4 सोमवारी पड़ रही है। सावन का पहला सोमवार व्रत 14 जुलाई, दूसरा 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सावन सोमवार व्रत 4 अगस्त को है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सावन माह में कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। सावन माह के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शिव योग जैसे शुभ योगों के संयोग बन रहे हैं।
सावन के महीने में हर दिन विशेष रूप से सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस माह में कुछ खास व्रत भी किए जाते हैं। इनमें हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, नाग पंचमी, कामिका एकादशी, सावन पुत्रदा एकादशी, रक्षाबंधन, श्रावण पूर्णिमा प्रमुख हैं।
उन्होंने बताया कि श्रावण के महीने में भगवान शंकर की विशेष रूप से पूजा की जाती है। पूजन की शुरुआत महादेव के अभिषेक के साथ की जाती है। अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्नाे के रस से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, आक मदार, जंवाफूल कनेर, राई फूल से शिवजी को प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ ही भोग के रूप में धतूरा, भांग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है।