हरियाणा के साथ मिलकर अनूपगढ़ में डैम बनाएगी राजस्थान सरकार

चंडीगढ़, 11 सितंबर । सरस्वती नदी का पानी अब राजस्थान की धरती को हरा-भरा बनाएगा। राजस्थान सरकार ने हरियाणा के साथ मिलकर अनूपगढ़ में डैम बनाने की योजना बनाई है। केंद्रीय स्तर पर नीति आयोग भू-गर्भ में बह रही सरस्वती नदी के पानी की उपयोगिता बढ़ाने को लेकर योजना तैयार करेगा।

देश की सबसे प्राचीनतम नदी उद्गम स्थल सरस्वती आदिबद्री से लेकर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व गुजरात के कच्छ से होते हुए पाकिस्तान तक बहती है। मानसून सीजन के दौरान सरस्वती नदी में जल स्तर बढ़ जाता है, जिससे हरियाणा के कई क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आते हैं। लिहाजा हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड व राजस्थान सरकार सरस्वती के निरंतर जल प्रवाह को लेकर राजस्थान में सरस्वती सरोवर के साथ उच्च भंडारण क्षमता वाले जलाशय बनाएगा। राजस्थान सरकार ने भी मानसून सीजन में सरस्वती के पानी को संचित करने के लिए अनूपगढ़ में डैम बनाने की योजना तैयार की है।

इस डैम के प्रोजैक्ट को सिरे चढ़ाने में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल अहम भूमिका निभाएंगे। यही नहीं केंद्र स्तर पर नीति आयोग के साथ समन्वय बनाकर सरस्वती नदी के भू-गर्भ में बह रहे पानी की उपयोगिता को बढ़ाने को लेकर भी कार्य योजना तैयार की जाएगी। राजस्थान सरकार और केंद्रीय नीति आयोग के साथ हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड समन्वय बनाकर पूरा प्रोजेक्ट तैयार करेगी।

सरस्वती विकास बोर्ड के चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सरस्वती उद्गम स्थल आदिबद्री का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर में कई जगह ऐसे स्थान हैं, जहां पर जमीन खोदते ही ऐसा महसूस होता है कि नीचे नदी बहती है और स्प्रिंग से पानी ऊपर आ रहा है। उन स्थानों का अवलोकन किया है। सरस्वती नदी के उद्गम स्थल और जहां-जहां सरस्वती नदी बहती थी, जो अभी भू-गर्भ में है, इसका कैसे विकास किया जाए, इसको लेकर नीति आयोग के साथ समन्वय बनाकर योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की रेतीली भूमि को हरा-भरा करने के लिए सरस्वती सरोवर कारगर साबित हो सकते हैं। केंद्रीय कानून मंत्री ने राजस्थान सरकार के अधिकारियों को सरस्वती बोर्ड के साथ समन्वय बनाकर पूरा प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।