कोलकाता, 15 फरवरी।  साहित्य और संस्कृति को समर्पित संस्था ‘संस्कृति सौरभ’ द्वारा प्रत्येक वर्ष भारतीय, संस्कृति, साहित्य, संगीत, गायन, काव्य, नृत्य, वाद्य, भारतीय दर्शन, विभिन्न कलाओं, राष्ट्रीय विकास इत्यादि किसी एक या अधिक क्षेत्र में किये गए महत्त्वपूर्ण कार्य हेतु  संस्कृति सौरभ सम्मान प्रदान किया जाता है। इस सम्मान में एक लाख रुपये की राशि,अभिनन्दन पत्र,शॉल एवं श्रीफल  प्रदान किया जाता है।

‘संस्कृति सौरभ सम्मान-2024’,घटम (कुम्भ) वादन के भगवान विक्कु जी विनायक्रम को प्रदान किया गया है ।उन्होंने इस वाद्य को नई ऊँचाइयाँ दी।इसे अन्य साजों से अलग स्थान दिलवाया।अतः इन्हें घटम का भगवान कहा जाता है।आपको भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से अलंकृत किया जा चुका है।आप प्रसिद्ध ग्रैमी पुरस्कार विजेता भी है।

इस सम्मान का आरम्भ 2018 में किया गया था। प्रथम सम्मान 2018, प्रसिद्ध शाइर और आलोचक जनाब शीन काफ़ निज़ाम (जोधपुर) , द्वितीय सम्मान 2019, महान नर्तक पं. बिरजू महाराज जी(दिल्ली),तृतीय सम्मान 2020, महान शास्त्रीय गायक पं. जसराज जी(मुंबई), चतुर्थ सम्मान-2021 हिंदी के शीर्ष साहित्यकार,भारतीय ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र (कोलकाता) , पंचम सम्मान-2022, प्रख्यात बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया(मुंबई) और षष्टम सम्मान -2023 बाउल सम्राट पं.पूर्णदास(कोलकाता)ने स्वीकार कर हमारा मान बढ़ाया है।

सभी विभूतियों को कोलकाता में सम्मान-समारोह आयोजित कर सम्मानित किया गया था।विक्कु जी का स्वास्थ्य अचानक खराब हो जाने के कारण यह सम्मान उन्हें कोलकाता के किसी समारोह में न देकर उनके निवास स्थान अय्या स्ट्रीट,चेन्नई में शुक्रवार,14 फरवरी,2025 में आयोजित एक लघु समारोह में दिया गया।

संस्था के अध्यक्ष बिजय कानोड़िया ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार राशि प्रदान की।संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद शाह ने उन्हें शॉल भेंट की। सचिव  बिमल नौलखा ने संस्था का परिचय देते हुए उन्हें माल्य प्रदान कर धन्यवाद दिया। विनीता कोचर ने तिलक किया और राजेंद्र सिंह कोचर ने श्रीफल भेंट किया।प्रसिद्ध कंजीरा( दक्षिण भारत का फ्रेम ड्रम) वादक,ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित उनके पुत्र वी सेल्वागणेश और उनकी पत्नी स्वर्णा को दुपट्टा और पुष्प भेंट कर सम्मानित किया गया।वी सेल्वागणेश ने कृतज्ञता ज्ञापित की। इस समारोह में अन्य गणमान्य में संगीतकार स्वामीनाथन,अर्याम्बाल,
प्रदोषिणि,थंगमा सुरेश,संजय गुप्ता मोहिनी चोरड़िया,नयना चोरड़िया,देव श्रीमाल इत्यादि उपस्थित थे।