ओंकार समाचार

कोलकाता, 25 फरवरी।

नगर की प्रसिद्ध सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्था ‘संस्कृति सौरभ’ ने अपनी स्थापना की दशक-पूर्ति के अवसर पर  रविवार, 23 फरवरी 2025 को स्थानीय ज्ञानमंच सभागार में  ‘शामे-अवध’ कार्यक्रम का आयोजन किया।

इसका कथानक लिखने वाले और कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले गायक कलाकार कुशल गोपालका और डॉ. सुरुचि मोहता मुंबई से आये थे।
उन्होंने अवध की तीन सौ वर्ष पुरानी तहजीब,शिष्टाचार और गायकी को अपनी बात-चीत और स्वर में ज़िंदा कर दिया। इसमें ध्रुपद,ठुमरी,ख्याल दादरा,बंदिशें,भजन,ग़ज़ल इत्यादि बहुत ही मधुर,रसीले और गरिमापूर्ण तरीके से पेश किये।

सुरुचि मोहता ने स्वर- साधिका कला में प्रवीण तवायफ के रूप में कहरवा पे कुछ ठुमरियाँ और बंदिशें के साथ -साथ ‘मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे’,’छाप तिलक सब छीना’,’ठाड़े रहियो बाँके यार’ जैसे दादरे और ‘आज जाने की जिद न करो’/’दिल जलाने की बात करते हो’जैसी नज़्म और ग़ज़ल पेश की।

कुशल गोपालका ने गुरूजी के रूप में ‘जागो मोहन प्यारे जागो’ भैरव में,’अब मोरी बात’ शुद्ध सारंग में,’जा जा रे अपने मंदिरवा’
भीम पलासी में,’ऐरी आली’ यमन में,दोनों ने मिलकर ‘कोयलिया’ मालकौंस में तथा ‘कान्हा मैं तोसे हारी’ भैरवी में पेश किया।

नवाब के रूप कुशल गोपालका ने ध्रुपद गायकी और झाला गए कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया तो दोनों ने युगल स्वरों में फ़िराक़ गोरखपुरी की ग़ज़ल ‘ दम निकल जाये मगर दिल न लगाये कोई /इश्क़ की थी ये वसीयत मुझे मालूम न था’ गा कर खूब वाह -वाही लूटी।

अंत में सुरुचि मोहता ने ‘बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाय’ इतना तल्लीन होकर गाया कि अवध से नवाब वाज़िद अली शाह की विदाई से साक्षात्कार करवा दिया।आरम्भ से अंत तक सभी श्रोता, इस अभूतपूर्व कार्यक्रम में अंत तक मंत्र मुग्ध हो कर बैठे रहे।

समारोह के आरम्भ में संस्था की ओर से आत्मीय स्वागत वक्तव्य रखा अध्यक्ष विजय कानोड़िया ने। संक्षेप में संस्था का शानदार परिचय करवाया सचिव बिमल नौलखा ने।

दोनों कलाकारों का परिचय और कार्यक्रम की रूप-रेखा को शायराना अंदाज में पेश किया संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद शाह ने।

दोनों का स्वागत किया निवर्तमान अध्यक्ष राममोहन लखोटिया और कोषाध्यक्ष जतन बरड़िया ने।लखनवी अंदाज में धन्यवाद दिया उपाध्यक्ष विनीत रुइया ने और कुशल संचालन किया संयुक्त सचिव प्रदीप जीवराजका ने।

संस्थापक सदस्य महेश चंद्र शाह,अजय अग्रवाल,कार्यकारिणी सदस्यों में सरिता बेंगाणी,राजेंद्र खंडेलवाल,विकास रूँगटा व्यवस्था को सुचारु रूप दे रहे थे।

कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक महावीर प्रसाद मणकसिया,मार्ग -दर्शक रतन शाह,समाज के सुधिजन एवं संगीत रसिकों में शिव कुमार लोहिया,राजकुमार पाटोदी, सुरेश झुनझुनवाला,अजयेंद्रनाथ त्रिवेदी,कमलेश मिश्र,शुभ दीप एवं अन्य मान्यगण उपस्थित थे।