कोलकाता, 22 जनवरी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय को प्रेसिडेंसी सुधार गृह में माली के रूप में काम करने की संभावना है। जेल प्रशासन के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
संजय रॉय, जो पहले कोलकाता पुलिस का एक सिविक वॉलंटियर था, को कोलकाता की एक अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह सजा पिछले साल अगस्त में डॉक्टर के साथ हुए अपराध के लिए दी गई।
जेल अधिकारी ने बताया कि संजय रॉय को शुरुआत में माली के तौर पर काम दिया जाएगा क्योंकि वह अप्रशिक्षित श्रमिक है। इसके लिए उसे प्रतिदिन 105 रुपये का मेहनताना मिलेगा। आगे चलकर उसे सिलाई, बढ़ईगिरी, या एल्युमिनियम के बर्तन बनाने जैसे अन्य कौशल सिखाए जाएंगे।
सुधार गृह में सभी कैदियों को किसी न किसी प्रकार के काम में लगाया जाता है। अधिकारी ने बताया कि संजय को फिलहाल ऐसे कार्यों में लगाया जाएगा जिसमें शारीरिक परिश्रम अधिक हो। शुरू में उसे बगीचे में काम करने का काम दिया जाएगा। अगर वह खाना बनाने में सक्षम नहीं है, तो उसे भोजन परोसने और बर्तन साफ करने जैसे काम दिए जा सकते हैं।
प्रेसिडेंसी सुधार गृह में कैदियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों में कौशल की आवश्यकता होती है। इसके लिए संजय रॉय को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि सुधार गृह में संजय रॉय की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए एक “नोटबुक” बनाई जाएगी। उसके द्वारा कमाई गई राशि राज्य सुधार गृह विभाग द्वारा संचालित एक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। वर्तमान में, अप्रशिक्षित श्रमिकों को प्रतिदिन 105 रुपये, अर्ध-कुशल श्रमिकों को 120 रुपये, और कुशल श्रमिकों को 135 रुपये का मेहनताना दिया जाता है। जेल प्रशासन का यह कदम कैदियों को कार्य के जरिए सुधारने और उनके जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।