कोलकाता, 17 जनवरी।  कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2019 में संदेशखाली में दो व्यक्तियों की हत्या और एक अन्य के अपहरण के मामले में निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर बुधवार को रोक लगा दी। मामले में शिकायतकर्ता ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को मुख्य आरोपित के तौर पर नामजद किया था। अपहृत व्यक्ति का कंकाल लगभग दो साल बाद इलाके में एक नदी के किनारे पाया गया था। याचिकाकर्ताओं में से एक महिला मृतक की विधवा है।

याचिकाकर्ताओं ने मामले की जांच स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी को स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि स्थानीय पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है। इसे एक बहुत गंभीर मामला बताते हुए न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने अगले आदेश तक निचली अदालत के समक्ष मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी। अदालत ने राज्य को 21 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख पर सभी संबंधित मामलों में केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता किशोर दत्ता के अनुरोध पर अदालत ने राज्य को तीन सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी।याचिकाकर्ताओं को इसके बाद एक सप्ताह में जवाब दाखिल करना होगा।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल के प्रति निष्ठा रखने वाले उपद्रवियों ने जून, 2019 में उत्तर 24 परगना जिले के नजात थाना क्षेत्र के अंतर्गत संदेशखाली में उनके घरों पर हमला किया और प्रदीप मंडल और सुकांत मंडल की हत्या कर दी तथा देवदास मंडल का अपहरण कर लिया, जिनके अवशेष दो साल बाद वहां एक नदी के किनारे पाए गए थे।

यह आरोप लगाया गया था कि स्थानीय पुलिस द्वारा उन चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया जिनका नाम प्राथमिकी में था। यह भी आरोप है कि पीड़ितों ने शाहजहां शेख को आरोपित बनाया था लेकिन पुलिस ने उसका नाम हटा दिया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता ने शाहजहां को मामले में मुख्य आरोपित बताया था।