नई दिल्ली, 18 जनवरी। पूर्व सांसद एवं नई दिल्ली विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा है कि राजधानी में वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कोई काम नहीं किया। खतरनाक दमघोंटू वायु प्रदूषण और यमुना के प्रदूषित जहरीले पानी के कारण दिल्ली के लोगों की 10-11 वर्ष आयु कम हो रही है, जिसके लिए आआपा की सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में संदीप दीक्षित ने कहा कि राजधानी में अरविन्द केजरीवाल ने प्रदूषण के लिए हमेशा पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया है। पिछले 8-9 साल पहले से क्यों वायु प्रदूषण हो रहा है जबकि पराली दशकों से जलाई जाती है? उन्होंने कहा कि 1998-99 से 2013 तक कांग्रेस सरकार ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जो काम किए उसके अनुपात में केजरीवाल की सरकार ने कुछ नहीं किया। शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ से भी अधिक वाहनों को सीएनजी में तब्दील करके प्रदूषण 12 वर्षों में 200 प्रतिशत कम कर दिया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जहां 1998-1999 में डीटीसी में केवल 1800-1900 बसें थीं उनको 2013 तक बढ़ाकर 5500 तक किया, जो आज 3000 से भी कम रह गई हैं। बसों का बेड़ा बढ़ाने में केजरीवाल सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल का अपने कार्यकाल में सिर्फ 64 किमी मेट्रो लाइन मंजूर करने के बाद यह कहना कि 400 किमी मेट्रो बढ़ाई है, लोगों को धोखा देना है। उन्होंने कहा कि 2002 में पहले चरण और 2006 में दूसरे चरण में 193 किमी के रूट को मंजूरी मिली और 2011 में तीसरे चरण के लिए 164 किमी की मंजूरी मिली थी, जिसका काम 2015-16 में पूरा होना था। लेकिन भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह काम 2023 तक भी पूरा नही किया। केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के चलते न डीटीसी बसें बढ़ाई, न मेट्रो का रूट बढ़ाया और न ही सड़कें बनाने का काम किया, जिससे प्रदूषण दमघोंटू और खतरनाक बन गया है। उन्होंने कहा कि 2013 तक हमने 67-68 फ्लाई ओवर बनाकर सुगम यातायात देने के साथ ईंधन और समय बचाने में क्रांतिकारी काम किया था। उससे 8400 करोड़ रुपये की बचत हुई और 56000 साल के समय की बचत हुई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि केजरीवाल ने 2014 से आज तक के शासन में फॉरेस्ट कवर बढ़ाने के लिए कोई काम नही किया। दिल्ली में यमुना प्रदूषण लोगों के खराब स्वास्थ्य के लिए बड़ा कारण है। केजरीवाल ने पिछले 8 वर्षों में एक भी जल शोधन सयंत्र नहीं बनाया है, वजीराबाद, औखला, बवाना जैसे बड़े जल सयंत्रों की जल शोधन की क्षमता को भी नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि 2023 के बाद सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 2-3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने पर काम चला है। दीक्षित ने कहा कि 2014 के बाद यमुना का जल दूषित हुआ है, जिसके लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी जिम्मेदार हैं।