
कोलकाता, 20 दिसंबर । काेलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में 13 दिसंबर को अर्जेंटीना के फुटबॉल सितारे लियोनल मेसी के कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था की जांच को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित जांच समिति को काम संभाले सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को पूछताछ के लिए तलब नहीं किया गया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश असीम कुमार रॉय की अध्यक्षता वाली समिति पर आरोप लग रहे हैं कि कार्यक्रम के दिन मेसी के आसपास घिरे रहने वाले प्रभावशाली लोगों से अब तक कोई सवाल नहीं किया गया। इन लोगों की वजह से महंगे टिकट खरीदने के बावजूद दर्शक मेसी को ठीक से देख तक नहीं पाए। पूर्व खेल मंत्री अरूप बिस्वास और उनके परिजनों का नाम भी इन आरोपों में सामने आया है।
इस बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि खेल मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी अरूप बिस्वास, जो अब भी बिजली मंत्री हैं, क्या जांच से बच जाएंगे। हालांकि राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और साफ कर दिया गया है कि जांच से कोई भी ऊपर नहीं है। जरूरत पड़ने पर मंत्रियों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, जांच समिति अगले 15 दिनों में अपनी दूसरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप सकती है। यह रिपोर्ट चार उप समितियों और विशेष जांच दल की जांच में सामने आई जानकारियों के आधार पर तैयार की जाएगी। संकेत हैं कि सच्चाई को तेजी से सामने लाने के लिए विशेष जांच दल में और अधिकारियों को भी जोड़ा जा सकता है।
हालांकि, विशेष जांच दल के लिए कोई तय समय सीमा नहीं रखी गई है ताकि जांच प्रक्रिया में किसी तरह की जल्दबाजी न हो। राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भले ही जांच समयबद्ध न हो, लेकिन रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन का मुख्य फोकस जांच में पारदर्शिता बनाए रखना है।
राज्य सरकार स्टेडियम के ढांचे को हुए नुकसान को लेकर भी चिंतित है। लोक निर्माण विभाग स्टेडियम के गेट, कुर्सियों और अन्य संपत्तियों को हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। हालांकि घटनास्थल से जरूरी जानकारियां और सबूत जुटाने का काम पूरा होने तक मरम्मत या पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
भविष्य में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के दौरान ऐसी अव्यवस्था न हो, इसके लिए भी सरकार सतर्क है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, ऐसे आयोजनों के लिए तय मानक संचालन प्रक्रिया को जांच रिपोर्ट आने के बाद और सख्त किया जाएगा।
इस मामले में कारण बताओ नोटिस पर दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एक सरकारी अधिकारी जवाब दे चुके हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा और बिधाननगर पुलिस आयुक्त मुकेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी जांच समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में समन्वय की कमी और कुप्रबंधन को अव्यवस्था का मुख्य कारण बताया था। इस आधार पर राज्य सरकार ने कई आईपीएस और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की। पुलिस महानिदेशक और बिधाननगर पुलिस आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जबकि युवा भारती क्रीड़ांगन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को हटा दिया गया। साथ ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के साथ एक विशेष जांच दल का गठन किया गया।
बिधाननगर के पुलिस उपायुक्त अनीश कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। उन पर कार्यक्रम के दिन अपने कर्तव्यों में लापरवाही का आरोप है।
13 दिसंबर को मेसी के कार्यक्रम से काफी पहले ही सॉल्ट लेक स्टेडियम दर्शकों से भर गया था। जैसे ही मेसी पहुंचे, लोग उनके साथ तस्वीरें लेने के लिए आगे बढ़े। सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद हालात बेकाबू हो गए। दर्शकों का आरोप है कि वे मेसी को ठीक से देख भी नहीं पाए।
करीब 22 मिनट बाद मेसी मैदान छोड़कर चले गए। इससे हालात और बिगड़ गए। आक्राेशित लाेगाें ने दर्शक दीर्घाओं से कुर्सियां और बोतलें मैदान में फेंकने लगे थे। कई लोगों ने गेट तोड़कर मैदान में घुसने की कोशिश की। स्टेडियम के शौचालयों में भी तोड़फोड़ की गई।
घटना के बाद राज्य सरकार ने जांच समिति का गठन किया और कार्यक्रम के आयोजक शतद्रु दत्ता को गिरफ्तार किया गया। मंगलवार को अरूप बिस्वास ने खेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। —————-






