कीव/मॉस्को, 02 जून । इस्तांबुल में हुई दूसरे दौर की शांति वार्ता के बाद रूस ने यूक्रेन को एक विस्तृत युद्धविराम का ज्ञापन सौंपा है, जिसमें शांति के बदले कई गंभीर और एकतरफा शर्तें रखी गई हैं। इस ज्ञापन के सामने आने से दोनों देशों के बीच संभावित कूटनीतिक वार्ता की दिशा और भी जटिल होती दिख रही है।

ज्ञापन दो भागों में विभाजित है। पहला भाग, जिसे “अंतिम समाधान के मुख्य मानक” कहा गया है, में रूस ने यूक्रेन से मांग की है कि वह लुहान्स्क, दोनेत्स्क, ज़ापोरीझिया और खेरसोन जैसे उन चार क्षेत्रों को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दे, जिन पर रूस ने 2022 से आक्रमण कर नियंत्रण स्थापित किया है।

इसके अलावा, यूक्रेन को तटस्थ राष्ट्र घोषित करने, अपनी सेना की संख्या कम करने, रूस से किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति की मांग न करने और रूस पर लगे सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की भी मांग की गई है।

ज्ञापन का दूसरा भाग एक “पैकेज प्रस्ताव” है, जिसमें यूक्रेन से सेना का चरणबद्ध निरस्त्रीकरण, विदेशी हथियारों की आपूर्ति पर रोक, देश में लागू मार्शल लॉ समाप्त करना तथा राष्ट्रपति एवं संसदीय चुनाव जल्द कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाने की अपेक्षा की गई है।

रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार, यह ज्ञापन सोमवार को यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को सौंपा गया है। अब तक यूक्रेन की ओर से इस ज्ञापन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे किसी भी स्थिति में देश के किसी भूभाग का समर्पण स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने बार-बार कहा है कि रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस लिए बिना युद्धविराम संभव नहीं है।