‘खेत जोतो, रोपा रोपो’ आंदोलन के दौरान आंसू गैस और लाठीचार्ज, कई गिरफ्तार, पूर्व सीएम चंपई सोरेन हाउस अरेस्ट

रांची, 24 अगस्त। रांची जिले के नगड़ी में प्रस्तावित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान-02 (रिम्स-2) के लिए अधिग्रहीत जमीन को लेकर रविवार को जोरदार बवाल हो गया। आंदोलनकारी ग्रामीणों और पुलिस बल के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज भी हुआ। कई प्रदर्शनकारियों और नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को हाउस अरेस्ट कर दिया गया।

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के नेता देवेन्द्र महतो समर्थकों के साथ अधिग्रहीत जमीन पर पहुंचे और हल चलाकर ‘खेत जोतो, रोपा रोपो’ आंदोलन की शुरुआत की। इस दौरान सरना झंडा भी गाड़ा गया। आंदोलन में शामिल किसान व आदिवासी महिला-पुरुष दिशोम गुरु शिबू सोरेन के मुखौटे लगाकर पहुंचे थे और खेतों में हल चलाने लगे।

लातेहार, लोहरदगा, बेड़ों, हातमा, बिजुपाड़ा समेत कई इलाकों से सैकड़ों ग्रामीण नगड़ी पहुंचे थे। उनका कहना था कि “झारखंड 25 साल का हो गया, लेकिन अब भी खेतीहर जमीन छीनकर अस्पताल बनाने की कोशिश हो रही है। हम अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे।”

प्रशासन ने नगड़ी क्षेत्र को घेराबंदी कर चारों ओर से बंद कर रखा था। कांके रोड से नगड़ी तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। बावजूद इसके आंदोलनकारी भीड़ खेतों तक पहुंच गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने बल प्रयोग किया।
पुलिस ने नगड़ी गांव के विकास उरांव, सीता कच्छप, नंदी कच्छप और फुलकेरिया टोप्पो समेत चार आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया। वहीं रामकुमार पाहन और गंगोत्री कुजूर को रातू के तिलता चौक पर ही रोक लिया गया। मांडर और लोहरदगा से आए कई आदिवासी नेताओं को भी आगे बढ़ने से रोका गया।

ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि पूरे इलाके में निषेधाज्ञा लागू है। भीड़ प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की कोशिश कर रही थी, जिसे रोकने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का प्रयोग करना पड़ा। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

इस घटना के राजनीतिक आयाम भी सामने आए। प्रशासन ने कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को हाउस अरेस्ट कर दिया गया।